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न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की तिजोरी की क्षमता 10 करोड़; रजिस्टर में दिखाए गए 122 करोड़

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये के गबन मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। बताया गया कि बैंक की प्रभादेवी शाखा में एक बार में 10 करोड़ रुपये रखने की क्षमता थी, लेकिन हैंडबुक में दर्ज प्रविष्टियों के मुताबिक आरबीआई के निरीक्षण के दिन तिजोरी में 122.028 करोड़ रुपये थे। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने यह खुलासा किया है। दरअसल, ईओडब्ल्यू बैंक में 122 करोड़ रुपये के गबन की जांच कर रही है। मामले में अब तक बैंक के दो पूर्व शीर्ष अधिकारियों सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

दरअसल, एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की निरीक्षण टीम ने 11 फरवरी को प्रभादेवी स्थित बैंक की कॉरपोरेट ऑफिस शाखा का दौरा किया था। यहां उन्हें तिजोरी से 122 करोड़ रुपये की नकदी गायब मिली। उन्होंने बताया कि कॉरपोरेट ऑफिस शाखा की बैलेंस शीट में प्रभादेवी और गोरेगांव शाखाओं में बैंक की तिजोरी में 133.41 करोड़ रुपये दिखाए गए थे, जबकि उस दिन प्रभादेवी शाखा की बैलेंस शीट में 122.028 रुपये दर्ज थे। जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने पाया कि कॉरपोरेट ऑफिस में नकदी रखने की तिजोरी की क्षमता केवल 10 करोड़ रुपये थी, जबकि उन्हें वास्तव में तिजोरी में 60 लाख रुपये मिले।

अधिकारी के मुताबिक, आरबीआई के निरीक्षण के दिन गोरेगांव शाखा की तिजोरी में उन्हें 10.53 करोड़ रुपये की नकदी मिली। गोरेगांव शाखा की तिजोरी में भी 10 करोड़ रुपये रखने की क्षमता थी। उन्होंने कहा कि ईओडब्ल्यू अब इस बात की जांच कर रही है कि बैंक के वित्तीय रिकॉर्ड की जांच करने वाले ऑडिटरों ने बैंक से गायब नकदी के बारे में सवाल क्यों नहीं किए और कार्रवाई के लिए मामले को आगे क्यों नहीं बढ़ाया।

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