भारत सरकार अब चीन में बनी अब तक की सबसे लंबी सुरंग को चुनौती देते हुए असम की ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे 14.85 किलोमीटर की सुरंग बनाने जा रही है. अब अरुणाचल प्रदेश से असम तक सड़क परिवहन पहले से और ज्यादा मजबूत हो जाएगा. केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश से असम तक के लिए सड़क परिवहन को तेज करने के लिए टनल बनाने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. अब ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे 14.85 किलोमीटर की सुरंग बनेगी.
अमेरिका की Louis Berger कंपनी ने ये सुरंग बनाने के लिए प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट और डीपीआर को तैयार कर लिया है. इस सुरंग की खास बात यह है कि इसके अंदर से सैन्य वाहन और हत्यारों से लैस वाहन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी.
ये सुरंग नदी के नीचे बनने वाली सबसे लंबी सुरंग होगी. इससे पहले पूर्वी चीन की ताइहू झील के नीचे इस सुरंग बन रही थी. असम के गोहपुर (एनएच-54) से नुमालीगढ़ (एनएच-37) को जो़ड़ने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे चाल लेन की सड़क बनाने को मंजूरी मिल गई है.
अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड ने सुरंग की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट को मंजूरी दी है. ये सुरंग अमेरिकी कंपनी की ओर से बनाई जाएगी.
साल 2020 के दिसंबर महीने से इस सुरंग को बनाने के लिए काम शुरू कर दिया जाएगा. सुरंग के अंदर हवा का दवाब काफी कम होगा, इसके लिए सुरंग के अंदर ताजी हवा के लिए वेंटीलेशन सिस्टम, फायर फाइटिंग, लाइट की व्यवस्था और इमरजेंसी एक्जिट की सुविधाएं भी दी जाएंगी.