भारत में कोरोना वायरस शुरुआती तौर पर उतना घातक दिखाई नहीं दे रहा था जितना कि तबलीगी जमात के मामले सामने आने के बाद हो गया। दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात की मरकज में एक छोटी सी जगह पर करीब 2500 से 3000 जमाती मौजूद थे जिनमें कई विदेशी जमाती भी शामिल होने आए थे जिनकी वजह से तेजी से मरकज के अंदर कोरोनावायरस फैला।
मौजूदा वक्त में देश में कोरोना वायरस के मामले 50 हजार के करीब पहुंच चुके हैं। देश में कोरोना के मामले बढ़ने का एक मुख्य कारण मार्च में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम को ही माना जा रहा है। अब दिल्ली पुलिस की एक ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक तबलीगी जमात के कार्यक्रम में 3 नहीं बल्कि 15 हजार लोगों ने शिरकत की थी।
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान देश भर से तबलीगी जमात से संबंध रखने वाली देशी विदेशी जमातियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। लेकिन जमात का मुखिया मौलाना साद अभी भी फरार है। इस बीच दिल्ली पुलिस की जाँच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 13 से 24 मार्च के बीच निज़ामुद्दीन के मरकज में करीब 15 हजार से ज्यादा लोग गए थे। दिल्ली पुलिस ने यह खुलासा मोबाइल फोन डेटा के इस्तेमाल और लोकेशन ट्रेसिंग कर इस तारीख के बीच मरकज में एक्टिव मोबाइल नम्बरों के आधार पर किया है।
दिल्ली पुलिस ने ये जांच रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को सौंप दी है। साथ ही दिल्ली पुलिस ने कांटेक्ट ट्रेसिंग के जरिये ये भी पता लगाया गया है कि मरकज से निकल कर ये लोग किन-किन जगहों पर गए, कितने लोगों के संपर्क में आये, उन हजारों लोगों की भी लिस्ट बनाई गई है, हालांकि पता चलते ही उन सभी को सेल्फ कोरेनटाइन में भेज दिया था। जितने लोग पॉजिटिव पाए गए थे उनको आइसोलेशन सेंट्रर में रखा गया था
जांच रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि मरकज से निकले लोगों के द्वारा करीब 17 राज्यों हर केंद्र शासित प्रदेशो में कोरोना संक्रमण फैलाने का लिंक पाया गया है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि मौलाना साद ने जमातियों की संख्या और लोकेशन की गलत जानकारी दी थी। ये जांच रिपोर्ट और इसमें लिखीं बातें मौलाना साद के खिलाफ सबूत के तौर पर रखी जायेंगी।
जांच रिपोर्ट तैयार करने में दिल्ली पुलिस की अलग अलग कई यूनिटों और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने साथ मिलकर काम किया था। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जमातियों को बेहद सख्ती से लिया था जिसकी बदौलत तेजी से इन लोगों को पकड़ने की कवायद शुरू की गई थी।