मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। 1984 सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए बनी एसआईटी ने सार्वजनिक नोटिस जारी करके बंद हो चुके 7 केसों को खोल दिया है। साथ ही एसआईटी ने इन केसों के सबंध में व्यक्तियों, व्यक्तियों के समूह, एसोसियेशन, संस्थाओं व जथेबंदियों से अपील की है कि वह इन केसों के संबध में कोई भी जानकारी हो तो उनसे साझा करें। इस संबंध में एसआईटी के पुलिस थाने में संपर्क किया जा सकता है।
इन सात केंसों में सबसे प्रमुख केस संसद मार्ग थाने की एफआईआर नंबर 601/84 है, जिसमें शिकायतकर्ता एसआई होशियार सिंह हैं। घटना गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब परिसर की बताई जाती है। गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के मुख्य दरवाजे में आग लगाने के दौरान दो सिखों की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस जब चार्जशीट दायर की थी, तो सबूतों के अभाव में कांग्रेस नेता कमलनाथ को आरोपी नहीं बनाया गया था।
एसआईटी के द्वारा जिन केसों को खोला गया है, उनमें पहले नंबर पर वसंत विहार थाने का केस नंबर 321/84, सन लाइट कालोनी पुलिस थाना में केस नंबर 372/84, कल्याणपुरी थाने में केस नंबर 424/84, संसद मार्ग पुलिस थाने में केस नंबर 601/84, कनॉट प्लेस थाने में केस नंबर 1056/84, पटेल नगर पुलिस स्टेशन में 556/84, शाहदरा पुलिस थाने में केस नंबर 607/84 को खोला जा रहा है।
दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा एवं महासचिव हरमीत कालका ने मांग की कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, कमलनाथ से मुख्यमंत्री पद से तुरंत इस्तीफा लें, क्योंकि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर होते हुए वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं। साथ ही मांग की कि दो गवाहों को तुरंत सुरक्षा प्रदान की जाए।