आज टेक्नॉलाजी की जरूरत और इसके प्रति आस्था देश के युवाओं को नये इनोवेशन से जोड़ रही है। किसी भी टेक्नॉलॉजी की वास्तविक सफलता तब मानी जाती है,जब उससे समाज के सबसे पिछड़े और वंचित वर्ग के लोग भी लाभान्वित होते हैं।- आनंदी बेन पटेल, राज्यपाल, उत्तर प्रदेश
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Saturday, April 23, 2022
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आयोजित ‘उल्लास ग्लोबल थोमसो 175’ समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। यह समारोह आईआईटी रूड़की एल्यूमनी एसोसिएशन के लखनऊ चैप्टर द्वारा आईआईटी रूड़की विश्वविद्यालय की स्थापना के 175 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित किया गया था।
इस अवसर पर, उन्होंने कहा कि आईआईटी रूड़की विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों ने देश-विदेश में अपना सम्मानजनक स्थान बनाया है। देश आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। सभी को इस महोत्सव के उत्सव में जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए। विश्वविद्यालयों और शिक्षा केन्द्रों को अपने परिसर से बाहर निकलकर समाज हित में कार्य करना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षकों छात्रों और शोधकर्ताओं को गांवों और पिछड़े क्षेत्रों में जाकर महिलाओं,बच्चों और वृद्धों की समस्याओं को बेहतर ढंग से समझने और उनके समाधाान की दिशा में योगदान करना चाहिए। युवाओं के कौशल विकास को बढ़ाने में विश्वविद्यालय का एल्यूमनी नेटवर्क महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने कहा की आज टेक्नॉलाजी की जरूरत और इसके प्रति आस्था देश के युवाओं को नये इनोवेशन से जोड़ रही है। किसी भी टेक्नॉलॉजी की वास्तविक सफलता तब मानी जाती है,जब उससे समाज के सबसे पिछड़े और वंचित वर्ग के लोग भी लाभान्वित होते हैं।