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अमृत योजना की 19वीं राज्य स्तरीय उच्चाधिकार संचालन समिति की बैठक आयोजित

लखनऊ। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित अमृत योजना की 19वीं राज्य स्तरीय उच्चाधिकार संचालन समिति की बैठक में 120 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट, जी.एच. कैनाल, लखनऊ लागत 323.64 करोड़ रुपये के संशोधित प्रस्ताव का अनुमोदन प्रदान किया गया। परियोजना के अन्तर्गत 120 एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट, मुख्य पम्पिंग स्टेशन तथा सीवरेज डायवर्जन हेतु नाला टैपिंग के कार्य प्राविधानित किये गये हैं। इसके अलावा वाराणसी नगर के मोहन कटरा कोनिया घाट क्षेत्र के अन्तर्गत ट्रेन्चलेन्स विधि से सीवर लाइन बिछाने एवं तत्सम्बन्धी कार्य लागत सेन्टेज सहित रुपये 1504.13 लाख एवं वाराणसी नगर के मुनीमगंज एवं मच्छोदरी क्षेत्र के अन्तर्गत ट्रेन्चलेन्स विधि से सीवर लाइन बिछाने एवं तत्सम्बन्धी कार्यों का प्राक्कलन लागत सेन्टज सहित रुपये 282.80 लाख के प्रस्ताव का अनुमोदन प्रदान किया गया।

इससे पूर्व अमृत योजना के अन्तर्गत संचालित परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी देते हुए सचिव, नगर विकास अनुराग यादव ने बताया कि पेयजल गृह संयोजन की कुल 164 परियोजनाएं स्वीकृत की गयी हैं, जिनमें 53 परियोजनाएं पूर्ण हो गईं हैं तथा इससे 29,77,340 लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं। इसके अतिरिक्त सीवर गृह संयोजन की 98 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें 23 परियोजनाओं का कार्य पूरा हो गया है तथा इससे 22,35,955 परिवार लाभान्वित हुए हैं। पार्क एवं हरियाली क्षेत्र के 358 लक्ष्य के सापेक्ष 112 पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है। योजनान्तर्गत 263 नलकूप, 90 अवर जलाशय/भूमिगत जलाशय का निर्माण तथा 3184 किमी0 लम्बी पेयजल जलापूर्ति वितरण का कार्य कराया गया है।

इसके अतिरिक्त सीवर के लिए प्रस्तावित लक्ष्य 1384 किमी0 के सापेक्ष 595 किमी0 का कार्य पूरा हो गया है। 09 नग एसटीपी का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसकी कुल क्षमता 259 एमएलडी है। पार्क एवं ग्रीन स्पेस कार्यक्रम में 112 पार्क पूर्ण तथा 246 पर निर्माण चल रहा है।

ज्ञातव्य है कि बड़े एवं छोटे शहरों की इन्हीं बुनियादी सुविधाएं देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा अमृत (अटल मिशन फार रिजूवेशन एण्ड अर्बन ट्रांसफार्मेशन) योजना आरंभ की गई है। इस योजना के अन्तर्गत छोटे शहरों में सीवरेज एवं पेयजल की आपूर्ति की परियोजनाओं की लागत का 50 प्रतिशत व्यय भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है। बडे़ शहरों में भारत सरकार द्वारा परियोजनाओं की लागत का 33.33 प्रतिशत धनराशि तथा शेष 67.67 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार व नगरीय निकायों द्वारा वहन किया जाना है।

बैठक में सम्बन्धित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। प्रस्तुतीकरण एवं संचालन प्रमुख सचिव, नगर विकास दीपक कुमार एवं सचिव, नगर विकास अनुराग यादव द्वारा किया गया।

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