दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में शामिल लोगों की वजह से देशभर में कोरोना का खतरा बढ़ गया है। इस मरकज में शामिल होने के लिए कई देशों से लोग आए हुए थे। इनमें से 93 लोगों में कोरोना का पुष्टि भी हो चुकी है। माना जा रहा है कि कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। बता दें कि तबलीगी जमात के मरकज के खिलाफ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
देश में कोरोना के खतरे को बढ़ने से रोकने के लिए मरकज से बीती रात भी जमातियों को बसों में भरकर आइसोलेशन में ले जाया गया। आज सुबह 4 बजे तक 2100 लोगों को मरकज से निकाला गया। हालांकि, मरकज का दावा था कि अंदर सिर्फ एक हजार लोग हैं। इससे उलट वहां से 2100 लोग निकाले गए हैं।
इस बीच उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में जमात में शामिल लोगों की तलाश शुरू हो गई है। यूपी सरकार ने दावा किया है कि मरकज की जमात में शामिल हुए 95 फीसदी लोगों की पहचान कर ली गई है। कई शहरों की मस्जिदों में पनाह लेने वाले जमातियों को क्वारंटीन सेंटर भेजा गया है। अब तक दो हजार से अधिक लोगों को क्वारनटीन किया गया है।
कोरोना महामारी के संकट में ढकेल देने वाले तबलीगी जमात के मरकज पर अब पुलिस का एक्शन शुरू हो गया है। कायदे- कानूनों की धज्जियां उड़ाने वाले मौलाना शाद और निजामुद्दीन स्थित मरकज में जमात के आयोजकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 269, 270, 271 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है।
देश में मरकज की लापरवाही से कितना बड़ा संकट पैदा हो गया है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। बता दें कि जमात का हिस्सा रहे 93 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है, जिनमें सबसे ज्यादा 45 तमिलनाडु, 9 अंडमान और 24 दिल्ली के हैं, जबकि 303 लोगों में कोरोना के लक्षण देखे गए हैं। जमात में शामिल 334 लोगों को दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और 700 से ज्यादा लोगों को क्वारंटीन किया गया है।
बता दें कि देश के 19 राज्यों से लोग जमात में शामिल होने दिल्ली आए थे और दुनिया के तमाम देशों से लोग आए थे, जिनमें इंडोनेशिया, चीन, इंग्लैंड, मलेशिया, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, सऊदी अरब और इंग्लैंड के जमाती शामिल थे।