लखनऊ। उच्च शिक्षा परिषद उप्र द्वारा ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के 5 शिक्षकों प्रो मसूद आलम (विभागअध्यक्ष, अरबी विभाग), प्रो चन्दना डे (शिक्षा शास्त्र विभाग), डॉ रुचिता सुजय चौधरी (सहायक आचार्य, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग), डॉ दोआ नकवी (सहायक आचार्य, व्यवसाय प्रबंधन विभाग), डॉ राहुल कुमार (सहायक आचार्य, अर्थशास्त्र विभाग) को सेंटर फॉर एक्सिलेंस योजना के अंतर्गत कुल ₹2,120,000 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है।
बताते चलें कि ₹03.90 लाख की धनराशि प्रो मसूद आलम को ‘सेंटर फॉर रिफ्लेक्शन ऑफ इंडियन कल्चर इन कन्टेम्परेरी अरब राइटिंग’ के लिए प्रो चन्दना डे को ‘अनुसूचित जाति के छात्रों की भावनात्मक बुद्धिमत्ता का उनके शैक्षणिक उपलब्धि, कोविड-19 महामारी के उपरान्त आत्म अवधारणा और उच्च शिक्षा स्तर के संबंध में एक अध्ययन’ के लिए ₹4.40 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई।
वहीं डॉ रुचिता सजय चौधरी को सेंटर फॉर ऑडियो विजुअल एक्सलन्स’ की स्थापना के लिए ₹4.0 लाख की धनराशि, डॉ दोआ नकवी को ‘सरकारी और निजी संस्थानों में मानव मूल्यों और पेशेवर नैतिकता पर छात्र धारणा का एक तुलनात्मक अध्ययन” के लिए ₹4.0 लाख की धनराशि, डॉ राहुल कुमार को “हर घर नल योजना का रायबरेली जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या पर प्रभाव विशेष रूप से ऊंचाहार तहसील के संदर्भ में” अध्ययन हेतु ₹4.90 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है।
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विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एनबी सिंह ने पांचो शिक्षकों को बधाई देते हुए आशा जताई है कि इस आर्थिक सहयोग की धनराशि के सदुपयोग से विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा।