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गुजरात में 2.23 करोड़ रुपये से भरी एटीएम कैश वैन लूटने की नाकाम कोशिश, 6 आरोपी गिरफ्तार

कैश वैन के दो कस्टोडियन ने ही फिल्मी स्टाइल में करोड़ों रुपये लूटने का प्लान बनाया था. हिटाची कैश मैनेजमेंट कंपनी के दो लोगों सहित छह लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गुजरात के गांधीधाम के बैंकिंग सर्किल से हिटाची केस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के 2 करोड़ 23 लाख कैश से भरे कैश वैन को लूटने की कोशिश की गई थी.

अपराधी नकदी से कैश वैन को लेकर शुक्रवार को फरार हो गए थे. घटना की जानकारी लगते ही अपराधियों के पीछे पुलिस की टीम लग गई. पुलिस के डर से अपराधी कैश से भरी वैन बीच रास्ते छोड़ भाग खड़े हुए थे. घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सभी सीसीटीवी कैमरे चेक किए और आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की गई.

आखिरकार छह आरोपियों की शिनाख्त कर उन्हें वारदात को अंजाम देने के कुछ ही घंटों के अंदर गिरफ्तार कर लिया. पूरे मामले में पुलिस ने राहुल रामजी संजोत, विवेक उर्फ ​​विवान रामजी संजोत, हितेश वेलजी फफल, राहुल हिरजी बारोट, नितिन गोपाल गजरा (भानुशाली) और गौतम प्रकाश विंजोडा सहित कुल छह अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है.

हिटाची कैश मैनेजमेंट कंपनी के दो कर्मचारियों ने बनाया प्लान

पूर्व कच्छ एसपी सागर बागमार ने बताया कि अपराधी विवेक संजोट और नितिन गजरा पहले एक ही वैन में कैश कस्टोडियन के रूप में काम करते थे. वैन हर दिन अपराधी विवान के घर पर खड़ी होती थी. विवेक और नीतिन ने एक महीने बाद अन्य साथियों की मदद से वैन को एक सुनसान जगह पर ले जाकर लूटने की योजना बनाई थी.

हालांकि, अपराधी इस योजना को अंजाम नहीं दे सके क्योंकि उसे कैश वैन कस्टोडियन की ड्यूटी की बजाय कलेक्शन का काम सौंपा गया था. इसके बाद उसने फिर से लूट की नई योजना को अंजाम दिया. शुक्रवार सुबह अपराधी नितिन गजरा भानुशाली ने जब कैश वैन एटीएम से पैसे जमा के लिए आई, तब उन्होंने बैंक के बाहर ही चाय और नाश्ते के लिए कैश वैन के कर्मियों को रोक लिया.

आरोपियों से पहचान के कारण चाय पीने चले गए कर्मचारी

कैश वैन के कर्मी उसे जानते थे, इसलिए वे भी उसके साथ चाय नाश्ते के चले गए. इस बीच अन्य अपराधी कैश वैन के पास पहुंचते हैं और डुप्लीकेट चाभी से कैश वैन को स्टार्ट कर फरार हो जाते हैं. इस दौरान कैश वैनकर्मियों ने आस-पास के कुछ स्थानीय लोगों की मदद से कैश वैन का पीछा किया. साथ ही उन्होंने तुरंत इस बारे में पुलिस को जानकारी दी.

इस बीच अपराधियों के अन्य साथी मदद करने के बहाने दूसरी कार से कैश वैन के पीछे गए. मगर, जब अपराधियों को जब लगा कि पुलिस उनका पीछा कर रही है, तो वे कैश वैन को छोड़कर फरार हो गए. पुलिस जब कैश वैन के पास पहुंची, तो पाया कि पूरा पैसा सुरक्षित था.

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