माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) पर बांदा में जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है। उसके आधार, पैन और वोटर आईडी कार्डों में दर्ज नाम और जन्मवर्ष में अंतर पाया गया है।
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यह दस्तावेज शुक्रवार को जेल के निरीक्षण पर गए डीएम और एसपी को मिले थे। दस्तावेजों की जांच के बाद जेल चौकी प्रभारी ने मुख्तार व एक अज्ञात पर जालसाजी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। मुख्तार अंसारी पर बांदा में यह पहला और कुल 61 वां मुकदमा है।
इसी तरह आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र में नाम मुख्तार लिखा है, जबकि पैनकार्ड में मोख्तार है। यह दस्तावेज जेल चौकी इंचार्ज धर्मेंद्र सिंह को सौंपे गए। जांच में जालसाजी की तस्दीक होने पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।
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गुरुवार सुबह करीब 11 बजे डीएम दुर्गाशक्ति नागपाल, एसपी अभिनंदन ने बांदा मंडल कारागार का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारी मुख्तार अंसारी की हाई सिक्योरिटी तन्हाई बैरक में भी गए, जहां उन्हें पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड मिला। अधिकारियों ने इन दस्तावेजों पर जन्मवर्ष, नाम की वर्तनी में अंतर पाया। मतदाता पहचान पत्र में जन्मवर्ष 1959 दर्ज है, जबकि पैन में 1963 है।