बांग्लादेश की अदालत ने 2016 के ढाका कैफे हमले में 7 आतंकियों को मौत की सजा सुनाई है। ढाका कैफे हमला मामले में बुधवार को आतंकवाद-विरोधी बांग्लादेशी ट्रिब्यूनल के जस्टिस मोजिबुर रहमान ने सात आतंकियों को मौत की सजा सुनाई। इस हमले में एक भारतीय लड़की सहित 20 लोग मारे गए थे। जिन लोगों को मौत की सजा दी गई है, उनके नाम जहांगीर हुसैन उर्फ राजीब गांधी, रकीबुल हसन रेगन, असलम हुसैन उर्फ रशीदुल इस्लाम उर्फ राश, अब्दुस सबुर खान उर्फ सोहिल महफूज, हादुर रहमान सागर, शरीफुल इस्लाम खालिद उर्फ खालिद और मामूनुर रशीद रिपन हैं।
क्या है पूरा मामला?
आठ प्रतिवादियों ने एक जुलाई, 2016 को हुए वीभत्स हमले में खुद को दोषी नहीं ठहराने का अनुरोध किया था। हमले के दौरान पांच सशस्त्र आतंकवादियों ने ढाका स्थित हॉले आर्टिसान कैफे को 12 घंटे तक अपने कब्जे में ले लिया था और वहां स्थित दर्जनों लोगों को बंधक बनाने के साथ नौ इतालवी और सात जापानियों समेत 22 लोगों की हत्या कर दी थी।
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) ने हमले की जिम्मेदारी ली थी, हालांकि बांग्लादेश सरकार ने कहा था कि हमले के पीछे जिहादी समूह जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) का हाथ है। अदालत ने 27 अक्टूबर को मामले में 113 गवाहों के बयान को दर्ज करने का काम पूरा कर लिया था।
जांच अधिकारी हुमायूं कबीर ने कहा, मामले में 21 संदिग्धों में से 13 को अलग अलग समय, अलग अलग छापों में मार गिराया गया है और बचे आठ आरोपी जेल में बंद हैं। मामले में शामिल मारे गए 13 आतंकवादियों में वे आतंकवादी भी शामिल हैं, जिन्हें घटना के दौरान बंधकों को छुड़ाने के प्रयास में मार गिराया गया था।