व्यथित मन, बोझिल प्रहर
अश्रुपूरित थे नयन
भावविह्वल शिथिल तन
देखा उधर कर्तव्य पथ
दायित्व बोध था प्रबल
विचलित नहीं, निश्चय सुदृढ
बढ़ चले आगे कदम
राजधर्म पर अमल।।
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
Tags Distressed mind व्यथित मन
Check Also
कॉलोनाइजर ने सिंचाई विभाग की टीम को बनाया बंधक, जूतों से पीटा; अवैध पुलिया ढहाने के दौरान वारदात
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में रजवाहा पर अवैध पुलिया ढहाने गए सिंचाई विभाग के ...