इंडोनेशिया ने कहा है कि वह इस्लामिक स्टेट में शामिल हुए अपने 700 के करीब नागरिकों को स्वदेश वापस नहीं बुलाएगा लेकिन वह छोटे बच्चों को वापस लाने पर विचार कर सकता है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने इस सप्ताह कहा था कि वह सीरिया और अन्य देशों में आईएस के लिए लड़ने गए संदिग्ध आतंकवादियों और उनके परिवारों को वापस लाने के पक्ष में नहीं हैं।
इस मामले में पूरा देश दो भागों में बंट गया है। सुरक्षा मामलों के मंत्री महफूज एमडी ने बताया कि महिलाएं और बच्चे समेत इंडोनेशिया के 689 लोग सीरिया में हैं और उन्हें देश लौटने की इजाजत नहीं दी जाएगी जहां आईएस समर्थक समूहों ने कई बार हमले किए हैं। मंत्री ने जकार्ता के निकट राष्ट्रपति जोको विडोडो से बैठक के बाद मंगलवार को कहा, ”हमने निर्णय किया है कि सरकार को 26 करोड़ 70 लाख इंडोनेशियाई नागरिकों को सुरक्षा मुहैया करानी है।”
उन्होंने कहा, ”अगर ये विदेशी आतंकवादी लड़ाके देश लौट आते हैं तो वे नए खतरनाक विषाणु बन सकते हैं।” मंत्री ने कहा कि सरकार मामले के आधार पर 10 साल और उससे कम उम्र वाले बच्चों को स्वदेश लाने पर विचार कर सकती है। सरकार की इस योजना का देश में विरोध भी हो रहा है। आलोचकों का कहना है कि बेहतर होगा कि विदेशी लड़ाकों को वापस लाया जाए और उनका पुनर्वास किया जाए न कि उन्हें विदेश में और चरमपंथी बनने के लिए छोड़ दिया जाए।