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अनेकांत सिद्धांत की उपादेयता विषय पर विद्दूत संगोष्ठी का पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर परिसर में होगा आयोजन

वाराणसी: आजादी का अमृत महोत्सव एवं मिशन शक्ति के अन्तर्गत उ०प्र० जैन विद्या शोध संस्थान (संस्कृति विभाग, उ0प्र0 सरकार ) एवं सकल दिगम्बर जैन समाज वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में अनेकान्त सिद्धांत प्रवर्तन के अन्तर्गत जैन आम्नाय के चार तीर्थकरों की जन्मभूमि वाराणसी नगर में दिनांक 07-08-2022 को अनेकान्त सिद्धांत की उपादेयता विषय पर विद्वत् संगोष्ठी का आयोजन पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, भेलूपुर वाराणसी परिसर में होगा।

अनेकांत सिद्धांत की उपादेयता विषय पर विद्दूत संगोष्ठी का पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर परिसर में होगा आयोजन

प्रातःकाल 09:00 बजे उद् घाटन सत्र से संगोष्ठी का शुभारंभ होगा। गोष्ठी की अध्यक्षता उ. प्र. जैन विद्या शोध संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) अभय कुमार जैन करेगें। प्रो. हरेराम त्रिपाठी कुलपति संम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय बतौर मुख्य अतिथि और राम सेवक गौतम IPS, डीसीपी वाराणसी बतौर विशिष्ट अतिथि गोष्ठी में उपस्थित रहेंगे। विद्वान प्रो. फूलचन्द्र प्रेमी का आमुख वक्तव्य होगा।

प्रथम सत्र में प्रो. हरि शंकर पाण्डेय, प्रो. मुकुल राज मेहता, प्रो. कमलेश कुमार जैन, प्रो. सुमन जैन, BHU, प्रो. अशोक कुमार जैन, डॉ. इन्दू जैन के व्यख्यान होगें। द्वितीय सत्र में प्रो. प्रमुन शाह सिंह, डॉ. सुमन जैन, MM, BHU, डॉ. आनन्द जैन, प्रो. मारुती नन्दन तिवारी और प्रो. शान्ति स्वरूप सिन्हा अनेकान्त सिद्धांत की उपादेयता पर व्याख्यान देगें।

सायंकाल समापन एवं सम्मान सत्र में आगन्तुक विद्वानों और जैन समाज के विशिष्ट सहयोगी श्रेष्ठि व्यक्तियों दीपक जैन, ऋषभ चन्द्र जैन, अरुण कुमार जैन, प्रमिला सामरिया और राज मणि जैन को उ. प्र. जैन विद्या शोध संस्थान, लखनऊ की ओर से सम्मानित किया जायेगा। संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) अभय कुमार जैन ने बताया कि अनेकान्त सिद्धांत प्रर्वतन उ. प्र. में 18 तीर्थकरों जन्म स्थानों के साथ जैन तीर्थ क्षेत्रों पर भी गोष्ठियाँ करेगी।

भगवान महावीर द्वारा प्रतिपादित अनेकान्त एवं स्यादवाद का प्रचार करेगी। महावीर का यह सिद्धांत आपसी वैमनस्यता को समाप्त कर परस्पर प्रेम और सहिष्णुता के भाव उत्पन्न करता है। आज विश्व शान्ति के लिये अनेकान्त सिद्धांत की सर्वाधिक आवश्यकता है। विभिन्न राष्ट्रों की समस्याओं का समाधान युद्ध नहीं होगा बल्कि अनेकान्त सिद्धांत के द्वारा संभव होगा।

समाज अध्यक्ष दीपक जैन एवं उपाध्यक्ष ऋषभ जैन ने कहा कि चार तीर्थकरों की जन्मभूमि वाराणसी पर अनेकान्त सिद्धान्त की उपादेयता विसय पर आयोजित संगोष्ठी काशी क्षेत्र के जैन और जैनेतर समाज को समन्वय और सहिष्णुता की दिशा में प्रेरित करेगी। प्रो. फूलचंद्र प्रेमी समाजक दीपक कुमार जैन अध्यक्ष ऋषभ चन्द्र जैन उपाध्यक्ष सकल दिगम्बर जैन समाज वाराणसी सौरभ जैन अजित जैनतरुण जैन आदि लोग उपस्थित थे।

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