लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में सत्ता संभालने के बाद से प्रदेश की महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है। सरकार ने बेटियों व महिलाओं के कदमों को आगे बढ़ाने, उनके उत्थान, सशक्तिकरण और उनको रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए भी कई बड़े कदम उठाये हैं। जिससे लाभान्वित हुई स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब यूपी के गांव-गांव को सोलर ऊर्जा से रोशन करने का काम कर रही हैं। उनको आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला है और वे सोलर स्मार्ट शॉप खोलकर स्वयं उनका संचालन करने लगीं है।
यूपी में पहली बार सरकार की योजनाओं का सबसे अधिक लाभ महिलाओं को मिल रहा है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का प्रेरणा ओजस कार्यक्रम उनको आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हुआ है। अब तक इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 30 जिलों के 75 ब्लॉकों में समूह की महिलाओं ने 700 से अधिक सोलर शॉप विभिन्न स्थानों पर खोली हैं। ये महिलाएं प्रत्येक महीने 8000 रुपये से 10,000 रुपये कमा रही हैं। महिलाएं सोलर लैम्प, सोलर टॉर्च, सोलर लालटेन, होम लाइटिंग सिस्टम, सोलर पावर बैंक, सोलर पंखा, टेबल लैंप, सोलर के खिलौने, पैनल आदि की बिक्री करती है और इनकी रिपेयरिंग का कार्य भी उनकी ओर से ही किया जाता है।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संयुक्त मिशन निदेशक ने बताया कि कोरोना काल में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रेरणा ओजस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 30 जिलों के 75 ब्लॉकों में समूह की 700 सोलर शॉप खोली हैं। समूह की महिलाएं सोलर के सभी प्रोडक्ट की फैक्ट्री भी संचालित कर रही हैं। फैक्ट्री में सोलर से सम्बंधित सभी प्रोडक्ट बनाये जा रहे हैं और पूरे उत्तर प्रदेश की सभी सोलर शॉप पर इनकी बिक्री की जा रही है । गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और स्वावलंबन को बढ़ावा देना है। ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार के प्रयासों का असर है कि महिलाओं को गांव में ही सिलाई, कढ़ाई, पत्तल, मसाले जैसे उत्पादों को बनाने में मदद मिली है। उनको लगातार रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और वे आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रही हैं।
यूपी में 28 लाख बच्चों को स्टडी सोलर लैम्पों का कर चुकीं वितरण
उत्तर प्रदेश में भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की योजना के तहत 28 लाख स्कूली बच्चों को स्टडी सोलर लैम्पों का वितरण किया जा चुका है। बाजारों में 500 रुपये की कीमत के मिलने वाले लैम्प को इन महिलाओं ने स्कूली बच्चों को मात्र 100 रुपये में उपलब्ध कराया। इनको चार हजार महिलाओं ने तैयार किया था। प्रेरणा ओजस कार्यक्रम के सीईओ ने बताया कि इन लैम्पों की असेम्बलिंग और वितरण का काम भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने ही किया है। समूह की महिलाओं की ओर से इन लैम्पों का एक साल तक मुफ्त मरम्मत और रखरखाव किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रेरणा ओजस कार्यक्रम प्रदेश के 33 जिलों के 79 ब्लॉकों में चल रहा है।