पाकिस्तान में आजादी के पहले बने एक हनुमान मंदिर को तोड़ दिया गया. इस मंदिर के आसपास करीब 20 हिंदू परिवार रहते थे. इनके मकान भी तोड़ दिए गए हैं. यहां एक बिल्डर कॉलोनी बना रहा है. आरोप है कि स्थानीय प्रशासन ने उसकी मदद की है. मंदिर में मौजूद मूर्तियां भी गायब कर दी गई हैं. पाकिस्तान सरकार की तरफ से अब तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
पांच दिन बाद घटना का पता लगा
मंदिर के पुजारी का आरोप है कि करीब 6 महीने पहले कराची के बाहरी इलाके लायरी की जमीन एक बिल्डर ने खरीदी. वो यहां कॉलोनी बनाना चाहता है. इस क्षेत्र में 20 हिंदू परिवार भी रहते हैं. पास ही एक प्राचीन हनुमान मंदिर भी है. महामारी के चलते इसे कुछ महीने पहले बंद कर दिया गया था. द ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, मंदिर सोमवार रात तोड़ा गया था. इसकी जानकारी शुक्रवार रात सामने आई.
दिखावे के लिए पहुंची पुलिस
घटना की जानकारी मिलने पर हिंदू परिवार जमा हो गए. इसी दौरान पुलिस वहां पहुंचीं. उसने पूरा एरिया सील कर दिया. मंदिर मलबे में तब्दील हो चुका था. कमिश्नर अब्दुल करीम मेमन ने कहा- मामले की जांच की जा रही है. खास बात यह है कि क्षेत्र में रहने वाली बलोच कम्युनिटी भी मंदिर तोड़े जाने का विरोध कर रही है. बलोच नेता इरशाद बलोच ने कहा- हम बहुत दुखी हैं. बचपन से इस मंदिर को देख रहे थे. यह हमारी विरासत का प्रतीक था.
बिल्डर ने धोखा किया
स्थानीय नागरिक हीरा लाल ने कहा- बिल्डर ने हमें धोखा दिया. उसने वादा किया था कि मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. मंदिर के पुजारा हरसी ने रोते हुए कहा- पहले हमारे घर उजाड़े. अब मंदिर भी तोड़ दिया गया. कोई ये नहीं बताया कि हनुमानलला की मूर्तियां कहां हैं? घटना के बाद इलाके में तनाव है. हिंदू समुदाय के नेता मोहन लाल ने कहा- इतना सब होने के बावजूद बिल्डर हमें इलाका छोडऩे की धमकी दे रहा है. पुलिस और प्रशासन चुप है.