नई दिल्ली। उपभोक्ता सोमवार (21अगस्त) से खुदरा दुकानों और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (NCCF) की मोबाइल वैन से रियायती दर पर प्याज खरीद सकेंगे। अन्य एजेंसियों और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों को शामिल करके आने वाले दिनों में प्याज की खुदरा बिक्री को जरूरत के अनुसार बढ़ाया जाएगा। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार प्याज का बफर स्टाक तीन लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर पांच लाख मीट्रिक टन किया गया है। सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए तीन लाख मीट्रिक टन के प्रारंभिक खरीद लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद, इस वर्ष प्याज बफर की मात्रा को बढ़ाकर पांच लाख मीट्रिक टन कर दिया है।
इस संबंध में उपभोक्ता मामलों के विभाग ने एनसीसीएफ और एनएएफईडी को प्रमुख उपभोग केंद्रों में खरीदे गए स्टॉक के कैलिब्रेटेड निपटान के साथ अतिरिक्त खरीद लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक लाख टन खरीद करने का निर्देश दिया है। गैरतलब है कि केंद्र सरकार ने प्याज की कीमतें बढ़ने की आशंका के चलते इस पर अंकुश लगाने और घरेलू बाजार में इसकी आपूर्ति में सुधार के लिए शनिवार को प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना के जरिए 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है।
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निर्यात शुल्क उन रिपोर्टों के बीच लगाया गया है, जिनमें सितंबर में प्याज की कीमतें बढ़ने की आशंका जताई गई है। प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क तत्काल प्रभाव से लागू होगा। पिछले सप्ताह सरकार ने कीमतों पर अंकुश के लिए बफर स्टॉक से प्याज जारी करने की घोषणा की थी। सरकार ने कहा था कि यह कदम अक्टूबर से नई फसल की आवक शुरू होने से पहले कीमतों को नियंत्रण में रखने के मकसद से उठाया जा रहा है। सरकार के सूत्रों के अनुसार, बफर स्टॉक से प्याज जारी करने के लिए कई विकल्प तलाशे गए। इनमें ई-नीलामी, ई-कॉमर्स के साथ-साथ राज्यों के माध्यम से उनकी उपभोक्ता सहकारी समितियों तथा खुदरा दुकानों से रियायती दरों पर बिक्री शामिल है।
सरकार ने पहले किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) के तहत तीन लाख टन प्याज रखा है। इसे अब बढ़ाकर पांच लाख चन किया गया है। कम आपूर्ति वाले सीजन के दौरान दाम बढ़ने पर सरकार इस प्याज को जारी करती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्याज की कीमतें भी अब थोड़ी बढ़ रही हैं। दस अगस्त को प्याज की अखिल भारतीय खुदरा कीमत 27.90 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो कि एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में दो रुपये अधिक है।