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जनपद में 986 क्षय रोगी गोद लिए गए, संस्थाएं उठायेंगी पोषण और उपचार का ज़िम्मा

● टीबी दिवस संपन्न, टी.बी. रोगी खोज अभियान (24 मार्च-13 अप्रैल) शुरू
● जिलाधिकारी और सीएमओ की मौजूदगी में हुआ आयोजन
● मिशन 2025 के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं भी आगे आईं

सुल्तानपुर। देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग यानि टीबी मुक्त बनाने के लिए हर दिन नए-नए प्रयास हो रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को जनपद में 986 टीबी रोगियों को गोद लिया गया। टीबी दिवस पर यह पहल राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से शुरू हुई।
विकास भवन में आयोजित कार्यकर्म में जिलाधिकारी व सी.डी.ओ. ने कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की पहल पर हमारे जिले में क्षय रोगियों को गोद लेने की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। यह एक अच्छी पहल है।

इससे समाज में बहुत ही धनात्मक ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी का प्रयास है कि क्षय रोगी भी जल्द स्वस्थ हों और अन्य स्वस्थ लोगों की तरह मुख्य धारा में जीवन यापन कर सकें। उन्होंने सभी को टी.बी. उन्मूलन के लिए शपथ दिलाई और टी.बी. रोगियों को पोषण किट भी वितरित की।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि क्षय रोग एक गंभीर समस्या है लेकिन अब इसका इलाज उपलब्ध है। इससे अब डरने की जरूरत नहीं है। समय से उपचार हो जाने पर यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। सीएमओ ने कहा कि यदि आपमें या आसपास के किसी व्यक्ति में टीबी का कोई लक्षण नजर आता है तो तत्काल बलगम की जांच कराएं।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आर.के. कन्नौजिया ने विश्व क्षय रोग दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की ओर से 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने की योजना है। उन्होंने बताया कि क्षय रोग को तपेदिक या टीबी भी कहा जाता है। इसे प्रारंभिक अवस्था में ही नहीं रोका गया तो यह जानलेवा साबित हो जाता है। समय से इलाज शुरू नहीं होने पर यह बीमारी व्यक्ति को धीरे-धीरे मारती है। इसलिए लक्षण महसूस होते ही इलाज शुरू हो जाना चाहिए।

जिले के 986 मरीजों में 18 वर्ष से कम के 95 बच्चे, 347 वयस्क महिलाऐं व 544 वयस्क पुरुष शामिल हैं । इस सभी को डी.आई.ओ.एस. ऑफिस, रेड क्रॉस, सुधा फाउंडेशन,प्रताप सेवा समिति, पी.आई.ग्राम उद्योग, एम्.टी.आई., सामाजिक सेवा संस्थान, कृषि एवं शैक्षिक संस्थान, रोटरी क्लब, लायंस क्लब और जिला सुरक्षा संसथान ने गोद लिया है ।

ए.सी.एफ. अभियान में खोजे गए टीबी ग्रस्त मरीज:  जनपद में 9 से 22 मार्च तक चले टी.बी.रोगी खोज अभियान में 136 टीबी से ग्रसित मरीज तलाशे गए हैं। टी.बी. से ग्रसित मरीजों की स्क्रीनिंग में सरकारी कर्मियों और स्वयं सेवी संस्थानों ने भी सहयोग किया है। रोगी खोजों अभियान शुरू

विश्व क्षय रोग दिवस से ही क्षय रोगियों को खोजने के लिए विशेष अभियान शुरू हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में यह अभियान 13 अप्रैल तक चलेगा। इसकी जिम्मेदारी मुख्य रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) संभालेंगे। अभियान के दौरान जिले में विभिन्न गतिविधियों के जरिए लोगों को क्षय रोग के प्रति जागरूक भी किया जाएगा। अभियान के दौरान टीबी के संभावित लोगों की एचआईवी और ब्लड शुगर की जांच होगी।

नमूनों की माइक्रोस्कोपी सेंटर से जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट दी जाएगी। टीबी की पुष्टि होने पर रोगी को तत्काल ही सात दिन की दवा दे दी जाएगी। सीएचओ, आशा टीबी मरीज को हर माह दवाएं देंगी और लगातार मॉनिटरिंग करेंगी। कार्यक्रम में आई.एम्.ए. प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी, सभी एन.जी.ओ. प्रतिनिधि, टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम स्टाफ व लाभार्थी मौजूद रहें।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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