राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सभी राजनीतिक दलों को आदेश दिया कि उसे अपने आधिकारिक मामलों का रिकॉर्ड अपने वेबसाइट पर दिखाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में राजनीतिक दलों को आदेश दिया कि उन्हें क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों को वो टिकट क्यों दे रहे हैं, इसकी जानकारी वेबसाइट पर देनी होगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना था कि क्या राजनीतिक दलों को ऐसे लोगों को चुनाव के टिकट देने से रोकने का निर्देश दिया जा सकता है, जिनका आपराधिक पृष्ठभूमि हो। न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन और एस रविंद्र भट की एक पीठ द्वारा याचिकाओं पर आदेश दिया गया।
कई याचिकाकर्ताओं में से बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि कोर्ट चुनाव आयोग को निर्देश दे कि वह राजनीतिक दलों पर दबाव डाले कि राजनीतिक दल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को टिकट न दें। ऐसा होने पर आयोग राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करे।
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति के अपराधीकरण को समाप्त करने को लेकर फ्रेमवर्क तैयार करने का चुनाव आयोग को शुक्रवार को निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति रवीन्द्र भट की पीठ ने आयोग से कहा था, ‘राजनीति में अपराध के वर्चस्व को खत्म करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया जाए।’ न्यायालय ने इस पर जवाब के लिए आयोग को एक सप्ताह का समय भी दिया था। न्यायालय ने राजनीति के अपराधीकरण पर सख्त टिप्पणी की है। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि देश में राजनीति के अपराधीकरण को रोकने के लिए कुछ तो करना ही होगा। चुनाव आयोग का कहना है कि चुनाव लड़ने वाले तमाम उम्मीदवारों द्वारा उनकी आपराधिक रिकॉर्ड देने मात्र से समस्या हल नहीं हो सकती।
आयोग ने न्यायालय के वर्ष 2018 में दिए गए उस फैसले की याद दिलाई जिसके तहत उम्मीदवारों से उनके आपराधिक रिकार्ड को इलेक्ट्रॉनिक एवम् प्रिंट मीडिया में घोषित करने को कहा गया था। आयोग ने कहा कि राजनीति का अपराधीकरण रोकने में उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक रिकॉर्ड से कोई मदद नहीं मिली है। साल 2018 के सितंबर माह में 5 जजों की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह गंभीर अपराध में शामिल लोगों के चुनाव लड़ने और पार्टी पदाधिकारी बनने पर रोक लगाने के लिए तत्काल कानून बनाए।
आयोग ने सुझाव दिया कि उम्मीदवारों से आपराधिक रिकॉर्ड मीडिया में घोषित करने के बजाए ऐसे उम्मीदवारों को टिकट से वंचित कर दिया जाना चाहिए जिनका पिछला रिकॉर्ड आपराधिक रहा हो।