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भाजपा राज में महिलाओं के दुःख दर्द की कहीं सुनवाई नहीं- अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में महिलाएं एवं बच्चियां सर्वाधिक असुरक्षित हैं। भाजपा राज में उन्हें हर दिन अपमानित किया जा रहा है। सीएए के विरोध में धरना दे रही महिलाओं के प्रति उत्पीड़न की कार्यवाहियां हो रही हैं। उत्तर प्रदेश में राज्यपाल महिला होते हुए भी महिलाओं के प्रति भाजपा सरकार द्वारा बर्बरता पूर्ण व्यवहार होना पूर्णतया अलोकतांत्रिक एवं दुर्भाग्यपूर्ण कृत्य है। महामहिम राज्यपाल महोदया को महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म, हत्या और लूट की घटनाओं का संज्ञान लेकर संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करना चाहिए क्योंकि भाजपा सरकार में उत्तर प्रदेश में कुछ भी ठीक नहीं है।

अखिलेश यादव ने कहा कि सीएए, एनपीआर, एनआरसी के विरूद्ध जनता में व्यापक आक्रोश है। भाजपा जिस तरह समाज को बांटने की साजिशों में लगी है उसका पूरे देश में विरोध हो रहा है। उत्तर प्रदेश में लखनऊ, इटावा, प्रयागराज, मुरादाबाद, कानपुर और अन्य कई शहरों में महिलाएं बड़ी तादाद में धरना प्रदर्शन में भाग ले रही हैं। उनके विरूद्ध शासन-प्रशासन द्वारा लगातार उत्पीड़न की कार्यवाहियां की जा रही है। लखनऊ में ठंड से कांपती महिलाओं से कम्बल छीन लिए जाते हैं। आजमगढ़, इटावा, कानपुर में महिलाओं पर लाठियां बरसाई जाती हैं। बड़ी तादाद में महिलाओं की गिरफ्तारियां हो रही है। धरने में शामिल महिलाओं के घरों में नोटिस जारी कर भयभीत किया जा रहा है। निर्दोषों को फर्जी केस में फंसा कर जेल भेजा जा रहा है।

भाजपा राज में महिलाओं के दुःख दर्द की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। निर्दोष महिलाओं को फर्जी मुकदमों में फंसाया जा रहा है। बच्चों तक पर मुकदमें कायम किए जा रहे हैं। सरकार की क्रूरता की हद तो यह है कि नाबालिग बच्चों को भी जेल भेजा जा रहा है। धरने पर बैठी महिलाओं को भोजन-पानी पहुंचाने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही हो रही है। पुलिस का व्यवहार बहुत अनैतिक और निर्ममतापूर्ण है।

समाजवादी पार्टी महिलाओं के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है। समाजवादी सरकार में महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1090 वूमेन पावर लाइन की व्यवस्था की गई थी। इससे छेड़छाड़ और अन्य आपत्तिजनक कार्यों पर तत्काल कार्यवाही होती थी। अपराधस्थल पर तत्काल पहुंचने और थाना कोतवाली जाकर एफआईआर दर्ज कराने की झंझट उठाने की जगह सीधे यूपी डायल 100 सेवा शुरू की गई थी। इन सेवाओं की प्रशंसा विदेशों तक में हुई। लेकिन भाजपा ने राजनीतिक विरोध के चलते इन सेवाओं को निष्क्रिय बना दिया। यूपी डायल 100 को भाजपा ने 112 नम्बर में बदलकर जता दिया है कि उसकी सोच कितनी निम्नस्तरीय और नीयत में कितना खोंट है।

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