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महाराष्ट्र में एक मई से लागू होगा NPR, सहयोगियों के बीच टकराव

महाराष्ट्र में एक मई से राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) लागू करने का निर्णय करके एनसीपी और कांग्रेस को एक झटका दिया है। क्योंकि देशभर में कांग्रेस एनपीआर को विरोध कर रही है। वहीं महाराष्ट्र सरकार में वह एक सहयोगी है। सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर हो रहे देशव्यापी विरोध के बावजूद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक मई से 15 जून तक एनपीआर के तहत सूचनाएं इकट्ठा करने की अधिसूचना जारी की है।

वहीं महाराष्ट्र के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त (आरजीसीसी) के कार्यालय ने एनपीआर और जनगणना को लेकर राज्य के अधिकारियों के साथ छह फरवरी को एक बैठक की और दोनों प्रक्रियाओं को लागू करने के लिए लगभग 3.34 लाख कर्मचारी तैनात कर दिए हैं। इसे लेकर राज्य सरकार जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी।

राज्य में एनपीआर लागू करने को लेकर शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के महाविकास अघाड़ी में तनातनी नजर आ रही है। कांग्रेस सीएए, एनआरसी और एनपीआर का लगातार विरोध कर रही है। इस बीच महाराष्‍ट्र में कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा है कि एनपीआर के प्रावधानों पर कांग्रेस का विरोध है। इस संबंध में कांग्रेस के मंत्री सरकार से बात करेंगे।

दूसरी ओर शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने बताया है कि उद्धव साहब ने साफ-साफ कहा है कि एनपीआर अगर जनगणना जैसा ही है, तो कोई बात नहीं, क्योंकि जनगणना तो हर 10 साल में होती ही है। इस मुद्दे पर एनसीपी ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। हाल ही में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एनपीआर के विरोधियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान कहा था कि सरकार कानून विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर रही है।

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