निर्भया केस में फांसी से बचने के लिए दोषी नित नए हथकंडे अपना रहे हैं। इसी सिलसिले में दोषी विनय ने एक नया हथकंडा अपनाया है। जब उसे सुप्रीम कोर्ट से लेकर राष्ट्रपति तक सबसे निराशा हाथ लगी तो उसने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है।
विनय के वकील एपी सिंह ने बताया कि उन्होंने विनय की तरफ से आज (20 फरवरी) ही एक याचिका चुनाव आयोग में डाली है। इसमें उन्होंने कि जब दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने राष्ट्रपति के पास विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश भेजी थी, तो वो ना तो मंत्री थे और ना ही विधायक। एपी सिंह ने बताया कि जैन ने 29 जनवरी को ये याचिका भेजी थी तब दिल्ली में आचार संहिता लागू थी।
एपी सिंह ने बताया कि सत्येंद्र जैन ने अपना हस्ताक्षर व्हाट्सएप के जरिए 30 जनवरी को भेजा था। इसी को आधार बनाते हुए अर्जी में कहा गया है कि ऐसे में दया याचिका खारिज करना गैरकानूनी और संविधान के खिलाफ है, क्योंकि उस समय दिल्ली में आचार संहिता लागू थी। इसी का हवाला देते हुए चुनाव आयोग से इस पर कानूनी संज्ञान लेने की मांग की गई है।
तीसरी बार डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषियों पर मौत का खौफ हावी हो गया है। एक दोषी विनय ने घबराहट में सेल की दीवार पर पटककर अपना सिर चोटिल कर लिया। समय रहते सुरक्षाकर्मी ने उसकी सेल में घुसकर उसे रोक लिया।
विनय को प्राथमिक इलाज के बाद फिर से सेल में बंद कर दिया गया है। जेल प्रशासन का कहना है कि उसे मामूली चोट लगी है। अब दोषियों की सेल के सामने अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी को तैनात कर उनकी चौकसी बढ़ा दी गई है। साथ ही उनकी लगातार काउंसलिंग भी की जा रही है।
जेल सूत्रों का कहना है कि इन दिनों चारों दोषियों के स्वभाव में आक्रामकता पहले से बढ़ गई है। उन्हें मामूली बात पर गुस्सा आ रहा है। हालांकि वे किसी से ज्यादा बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन सेल में ही वे लगातार अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं। मंगलवार को विनय अपनी सेल की दीवार पर अचानक सिर पटकने लगा। यह देखकर वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी तुरंत उसकी सेल में घुसे और उस पर काबू पाया।