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यहाँ सीएए के खिलाफ हालात बेकाबू होते देख पुलिस को मिला दंगाइयों को गोली मारने का आदेश, अबतक 13 की मौत

दिल्ली में तीसरे दिन हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने दंगाइयों को गोली मारने का आदेश दिया है। धारा-144 का कोई असर न देखते हुए पुलिस ने मंगलवार देर शाम चार इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया। इसमें सबसे संवेदनशील मौजपुर, जाफराबाद, करावल नगर और बाबरपुर शामिल हैं। हालात का जायजा लेने के लिए राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने मंगलवार रात को सीलमपुर का दौरा किया। उनके साथ पुलिस कमिश्‍नर अमूल्‍य पटनायक भी साथ रहे।

दंगाइयों मंगलवार को भी जमकर उत्पात मचाया। इस उपद्रव में पांच और की मौत हो गई। सोमवार को भी पांच की जान गई थी। कुल मिलाकर अब तक 13 लोग मारे गए हैं। मरने वालों में दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल रतन लाल भी भी शामिल हैं। वह सोमवार को दंगाइयों के हाथों मारे गए थे। घायलों की संख्या 186 पहुंच गई है। इसमें दो आइपीएस अधिकारी सहित 56 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

दंगाइयों ने दागी एक हजार गोलियां

दंगाइयों ने मंगलवार को कई दुकानों, वाहनों और घरों में आग लगाई। उपद्रवी खुलेआम हथियार लहराते हुए फायरिंग कर दहशत फैला रहे थे। हालात काबू करने को दोपहर बाद आरएएफ और सीआरपीएफ को मोर्चा संभालना पड़ा। इस बीच प्रभावित क्षेत्र यमुनापार के कई इलाके भीषण हिंसा की चपेट में रहे। पुलिस सूत्रों की मानें तो दो दिनों में दंगाइयों की तरफ से एक हजार से ज्यादा गोलियां चलाई गई हैं। पुलिस ने लगभग इतनी ही मात्रा में आंसू गैस के गोले दागे हैं।

हालात संभालने को 67 कंपनियां तैनात

गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद दोपहर करीब तीन बजे के बाद सीआरपीएफ, आरएएफ और एसएसबी की 67 कंपनियां हालात को काबू करने के लिए तैनात कर दी गई हैं। इन कंपनियों ने पहले मौजपुर के पास जाफराबाद रोड से भीड़ हटानी शुरू की। लेकिन, इसी दौरान अन्य इलाकों में भी हिंसा का दायरा बढ़ने लगा। सुरक्षा बल के जवान जब तक एक तरफ हिंसा पर काबू पाते तब तक दूसरी तरफ उपद्रव बढ़ जाता।

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