कोरोना काल में राजधानी दिल्ली के लोगों को सरकार ने एक बड़ा झटका दिया है। यहां पर पेट्रोल और डीजल के दामों के बेतहाशा इजाफा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार, पेट्रोल के पेट्रोल के दाम में 1 रुपये 67 पैसे की बढ़ोत्तरी जबकि डीजल के दाम में 7 रुपये 10 पैसे का इजाफा हुआ है।
दिल्ली सरकार ने पेट्रोल का वैट 27 से 30 प्रतिशत जबकि डीजल में 16.75 से 30 फीसदी तक इजाफा किया है, जिसके बाद पेट्रोल और डीजल के दामों में यह बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 69.59 थी, जोकि दाम बढ़ने के बाद 71.26 हो गई है। इसके साथ ही डीजल की कीमत 69.29 प्रति लीटर थी, जिसमें 7.10 प्रति लीटर का इजाफा किया गया है। अभी तक देश के सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल के दाम दिल्ली में ही सबसे कम हुआ करते थे।
Delhi Government increases VAT on petrol from 27% to 30%, and on diesel from 16.75 % to 30%. Price of petrol increased by Rs 1.67 & diesel by Rs 7.10 pic.twitter.com/AzcZgYAvZ1
— ANI (@ANI) May 5, 2020
चेन्नई में आज पेट्रोल 3.26 रुपये महंगा हो गया है और 75.54 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है, जबकि डीजल की कीमत 68.22 रुपये हो गई, जो कल के 65.71 रुपये प्रति लीटर के मुकाबले 2.51 रुपये अधिक थी। राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए वैट में बढ़ोत्तरी के कारण असम, हरियाणा, नागालैंड, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि देखने को मिली है।
मुंबई में पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमश: 76.31 रुपये प्रति लीटर और 66.21 रुपये हैं। इसी तरह कोलकाता में एक लीटर पेट्रोल के लिए 73.30 रुपये जबकि डीजल के लिए 65.62 रुपये प्रति लीटर खर्च करने पड़ेंगे। हैदराबाद में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 73.97 रुपये है, जबकि डीजल की कीमत अब 67.82 रुपये प्रति लीटर है।
इसी तरह, बेंगलुरु में, एक लीटर पेट्रोल की कीमत 73.55 रुपये प्रति लीटर और डीजल की 65.96 रुपये प्रति लीटर है। यहां पर सोमवार की दरों की तुलना में दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। नोएडा में पेट्रोल की स्थानीय कीमतें 72.03 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहीं, जबकि डीजल की कीमत 62.96 रुपये लीटर है।
अप्रैल में एलपीजी (रसोई गैस) को छोड़कर देश के सभी पेट्रोलियम उत्पादों में ईंधन की खपत में लगभग 70 प्रतिशत की कमी आई। हालांकि, केंद्र की शहरी सीमा से परे आर्थिक गतिविधि को फिर से शुरू करने की अनुमति देने के बाद अप्रैल के आखिरी 10 दिनों में मांग थोड़ी बढ़ी है।