वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रवासी मजदूरों के लिए राहत भरे कदमों की घोषणा की। इस दौरान वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर मौजूद रहे। 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज में प्रवासी मजदूरों, छोटे किसानों, छोटे कारोबारियों एवं स्ट्रीट वेंडर्स को मदद पहुंचाने के लिए पहल की गई है।
वित्त मंत्री ने गुरुवार को कहा कि अगले दो महीने तक सरकार सभी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त खाद्य अनाज की आपूर्ति करेगी। ऐसे लोग जिनके पास कोई कार्ड नहीं है उन्हें दो महीने तक प्रति व्यक्ति पांच किलो गेहूं/चावल और प्रति परिवार एक किलो चना दो महीने तक दिया जाएगा।
इस मुफ्त अनाज आपूर्ति पर सरकार 3500 करोड़ रुपए खर्च कर रही है और इससे 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को फायदा पहुंचेगा। उन्होंने कहा जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों ने किसानों को 6700 करोड़ रुपये की मदद की। ये मदद कृषि उत्पादों के जरिये व अन्य तरीकों से की गई। किसानों के खाते में सीधे पैसा भेजा गया। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 3 करोड़ किसानों के लिए जो 4,22,000 करोड़ के कृषि ऋण का लाभ दिया गया है।
इसमें पिछले तीन महीनों का लोन मोरटोरियम है। ब्याज पर सहायता दी है। 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड की मंजूरी दी है जिसकी लिमिट 25000 करोड़ होगी। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादों की खरीद के लिए 6700करोड़ की वर्किंग कैपिटल भी राज्यों को उपलब्ध करवाई गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हम प्रवासी मजदूरों का ध्यान रख रहे हैं। बेघर लोगों के रहने, खाने और पैसों की व्यवस्था की जा रही है। सरकार को प्रवासी मजदूरों के पलायन की चिंता है। सरकार की तरफ से मनरेगा की मदद से योजना लेकर आए हैं।
मनरेगा एक्ट के जरिये राज्यों को मदद की जाएगी। राज्यों को प्रवासी मजदूरों को काम देने को कहा गया है। औसत मजदूरी को 182 से बढ़ाकर 202 रुपये कर दिया गया है। विभिन्न राज्यों में 2.33 करोड़ प्रवासी मजदूरों को काम मिला है।