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अमेरिकी दंगों में 4 हजार गिरफ्तार, यूरोप तक फैली विरोध की आग

अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिसिया हत्या पर विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है. रविवार को भी लोग कर्फ्यू को तोड़कर सड़कों पर निकले और जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया. अमेरिका के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन की आग भड़की हुई है. करीब 4 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर रॉबर्ट ओ ब्रायन ने प्रदर्शनकारियों को आतंकवादी कहा है. सीएनएन से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो जो भी हैं, वो आंतकवादी की तरह काम कर रहे हैं. वो हमारे शहरों को जला रहे हैं. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसे खत्म करेंगे.

वाशिंगटन में भीड़ को काबू में करने के लिए 1700 सैनिकों को सड़क पर उतारा गया. हजारों की भीड़ ने रोड के किनारे लगे साइन बोर्ड और प्लास्टिक के बैरियर में आग लगा दी. व्हाइट हाउस के नजदीक एक पब्लिक वाशरूम में आग लगा दी गई. साल्ट लेक सिटी में लोगों ने पुलिस की एक गाड़ी में आग लगा दी.

मिनिसोटा इन प्रदर्शनों का केंद्र हैं. यहीं पर अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की एक श्वेत पुलिसवाले पर हत्या का आरोप है. पुलिस ने यहां जमा भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पेपर रॉड का इस्तेमाल किया. मिनिसोटा में हालात बुरे हैं.

अमेरिका के कई बड़े शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है. इसमें अटलांटा, शिकागो, डेनेवर, लॉस एंजेल्स, सैन फ्रैंसिस्को और सिएटल जैसे शहर शामिल हैं. नेशनल गार्ड सोल्जर और एयरमैन को भी स्टैंडबाई रखा गया है. वाशिंगटन के साथ करीब 15 राज्यों में हालात तनावपूर्ण है. प्रदर्शन के दौरान इंडियानापोलिस में 2 मौतें दर्ज हुई हैं. इसके अलावा डेट्रॉयट और मेनियापोलिस में भी मौतें हुई हैं. एपी के मुताबित करीब 4100 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. लूट और हाइवे ब्लॉक करने के आरोप में लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

विरोध प्रदर्शन की आग यूरोप के कुछ देशों में भी फैली है. लंदन के ट्राफलगर स्कॉयर पर हजारों की भीड़ इकट्ठा हो गई. इनके हाथों में प्लेकॉर्ड्स थे. हालांकि ये लोग कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पालन कर रहे थे. बर्लिन में भी हजारों की भीड़ अश्वेत नागरिक की हत्या के विरोध में इकट्ठा हुई. ये लोग अमेरिकी प्रदर्शनकारियों के समर्थन में इकट्ठा हुए थे. जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं.

बर्लिन में लगातार दूसरे दिन लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. इन लोगों ने अमेरिका दूतावास का घेराव किया. इनकी तख्तियों पर लिखा था- हमें मारना बंद करो, जस्टिस फॉर जॉर्ज फ्लॉयड. जर्मनी के कुछ जाने माने खिलाड़ियों ने भी इन विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है.

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