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पर्यावरण संरक्षण का संदेश

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

भारतीय चिंतन में आदिकाल से पर्यवरण चेतना विद्यमान रही है। हमारे ऋषियों ने प्रकृति की भव्यता का वैज्ञानिक शोध किया था। इसका संरक्षण व संवर्धन भारतीय जीवनशैली में शामिल रहा है। पर्यावरण दिवस वस्तुतः इसी औपचारिकता का निर्वाह है। पर्यावरण दिवस के अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति कई शिक्षक शिक्षिकाओं ने विश्वविद्यालय परिसर में कई जगह वृक्षारोपण किया। कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने सीता, अशोक, चंदन, नीम, सिन्दूर और पलाश के पौधे मालवीय सभागार के सामने व खेल मैदान में लगायें। रुद्राक्ष और पारिजात के पौधे निवेदिता छात्रावास के परिसर में भी लगाये गए। लखनऊ विश्वविद्यालय पर्यावरण के प्रति अपने दायित्व में सदैव सजग रहा है।

इस वर्ष गणतंत्र दिवस को विश्वविद्यालय छत्तीस हजार से अधिक पौधों का वृक्षारोपण करके वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में सम्मिलित हो चुका है। अंतर राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर लखनऊ का बायो डाइवर्सिटी इंडेक्स बनाकर भी लोकार्पित कर चुका है। इसके अलावा विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई की ओर से भी परिसर में पौधरोपण किया गया। संयोजक डॉ. राकेश द्विवेदी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण राष्ट्रीय सेवा योजना का हमेशा से प्रमुख लक्ष्य रहा है। इस संदर्भ में हम हमेशा छात्र-छात्राओं को जागरुक करते रहे हैं।

प्रो. गुरुनाम सिंह ने बताया कि कोरोना काल मे राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा विविध जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई गयीं। पर्यावरण संरक्षण को भी इन योजनाओं में सम्मिलित किया गया। घर पर रहते हुए पौधारोपण एवं रोपित पौधों की देख रेख सन्देश दिया गया।

प्रो. डीके सिंह बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज को उचित दिशा मिलेगी। महाविद्यालयों की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाइयों ने भी पौधारोपण के साथ साथ बड़ी संख्या में पर्यावरण विषयक पोस्टर एवं कोलाज निर्माण किया। कई पोस्टर, वेबिनार एवं कोलाज वर्तमान समय में पर्यावरण को लेकर हमारी संवेदनहीनता को दर्शाती हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय कर प्रवक्ता प्रो दुर्गेश श्रीवास्तव, डॉ.रूपेश कुमार भी उपस्थित रहे।

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