पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को हुई हिसंक झड़प में 10 भारतीय सैनिकों को चीन ने पकड़ लिया था जिन्हें गुरुवार शाम रिहा कर दिया गया. मेजर जनरल स्तर की वार्ता के बाद भारतीय सैनिकों को छोड़ा गया है. इनमें दो मेजर भी शामिल हैं. सूत्रों के हवाले से ये दावा किया गया है. चीन ने पकड़े गए 10 भारतीय सैनिकों को गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के बाद रिहा कर दिया है.
चीन और भारत के मेजर जनरल ने गलवान विवाद को सुलझाने के लिए लगातार तीसरे दिन बैठक की. गुरुवार की बैठक के बाद भारतीय सैनिकों को रिहा कर दिया गया. इससे पहले बुधवार को हुई बातचीत में भी दोनों देशों के अफसरों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी. 10 भारतीय सैनिकों के बारे में सेना की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है. बता दें कि भारतीय सेना ने गुरुवार को जारी बयान में कहा है कि उसका कोई सैनिक लापता नहीं है.
15-16 जून की रात को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए हैं. भारत के 76 सैनिक घायल भी हुए हैं जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. घायलों में 58 को हल्की चोटें पहुंची है. वहीं चीन ने हताहत हुए अपने सैनिकों की संख्या जारी नहीं की है. टीओआई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना के कुछ अधिकारियों का मानना है कि चीन को जवाब देने के लिए सीमित सैन्य कार्रवाई जरूरी है. हालांकि ये पूरी तरह राजनीतिक फैसला होगा. चीन ने पूर्वी लद्दाख में अपनी सेना की मौजूदगी बढ़ाई है.
टीओआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सेना के पास पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी को भारतीय इलाकों से जबरदस्ती हटाने और चोटियों को सुरक्षित करने या 1999 में कारगिल में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कैलिब्रेटेड संघर्ष जैसी लड़ाई तक का विकल्प है. साथ ही राजनीतिक, आर्थिक और राजनयिक विकल्प तो हैं ही.
भारत ने लद्दाख की गलवान वैली पर अपना दावा मजबूत करते हुए भारत ने चीन से कहा है कि बढ़ा-चढ़ाकर और बेबुनियाद दावे करना 6 जून को सैन्य कमांडरों के बीच हुई वार्ता में बनी सहमति के खिलाफ है. भारत ने चीन से कहा है कि सीमा पर प्रबंधन के प्रति भारत का रवैया जिम्मेदार है और भारत की सभी गतिविधियां एलएसी के भारतीय क्षेत्र में ही हैं. भारत ने चीन से कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि चीन अपनी गतिविधियों को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के अपनी ओर तक ही सीमित रखेगा.