हर रोज बढ़ रहे जुर्म व जात- पात का मामला हर तरफ देखने को मिल रही है। हर रोज कोई न कोई इस बात को लेकर नए नए मामले सामने आते जा रहे है।वहीं हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के कोषाध्यक्ष जोश फ्रीडेनबर्ग ने हिंदू धर्म व हिंदुस्तान के अन्य धर्मों पर अपने देश की संसद में अपमानजनक टिप्पणी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, संसद में चर्चा के दौरान विपक्षी लेबर पार्टी के न्यूजीलैंड के वेलबीइंग बजट की तरह का प्रस्ताव पेश करने के सुझाव पर फ्रीडेनबर्ग भड़क उठे। इसके बाद उन्होंने हिंदुस्तान में प्रचलित हिंदुत्व व अन्य धर्मों को लेकर कई अभद्र टिप्पणियां कर डालीं। देश के हिंदू संगठनों ने मंत्री के बयान पर कड़ी असहमति जताते हुए उनसे माफी मांगने को बोला है।
मिली जानकारी एक अनुसार जब इस बारे में जोश फ्रीडेनबर्ग से बात की गयी तो उन्होंने कहा, लेबर पार्टी के नेता अपने आध्यात्मिक गुरु से प्रभावित होकर सरकार को इस तरह की सलाह दे रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि लेबर पार्टी के नेता हिमालय की तलहटी में बने किसी आश्रम से निकलकर आ रहे हैं। गले में वह साधुओं जैसी माला पहने हुए हैं व हाथ में हवन का सामान लिए हुए हैं। उनकी भाव-भंगिमा भी योग करने जैसी है। सूत्रों का बोलना है कि इस मुद्रा में वह ऑस्ट्रेलिया के लिए वेलबीइंग बजट पेश करना चाहते हैं।
वहीं यह भी पता चला है कि यह बात मीडिया में आने के बाद ऑस्ट्रेलिया की हिंदू परिषद ने उस पर कड़ी रिएक्शन जाहीर की। परिषद ने कोषाध्यक्ष की टिप्पणी को अपमानजनक, नस्लवादी व हिंदू विरोधी बताया। यह टिप्पणी फ्रीडेनबर्ग की हिंदू समुदाय के बारे में मानसिकता को प्रदर्शित करती है। परिषद ने फेसबुक के जरिये अपनी बात कही है। परिषद ने फ्रीडेनबर्ग से अपनी टिप्पणियों पर पुनर्विचार के लिए बोला है व उनकी लिबरल पार्टी से भी गौर करने की अपील की है। ‘द यूनीवर्सल सोसायटी ऑफ हिंदुइज्म’ ने पीएम स्कॉट मॉरीसन से फ्रीडेनबर्ग पर रोक लगाने की मांग की है।