उत्तर प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में महिला व शिशु कल्याण की अनेक योजनाएं लागू की गई। इनमें उनके स्वास्थ्य के साथ साथ सम्पूर्ण पोषण पर भी ध्यान दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिट इंडिया अभियान के अंतर्गत भी पूर्ण पोषण कार्यक्रम को शामिल किया था। इसका शुभारंभ भी उन्होंने अपने सरकारी आवास से किया था। गरीबों को मिलने वाले आवासों के निकट सहजन के पौधे लगवाने की उनकी योजना सुपोषण से ही संबंधित है। योगी आदित्यनाथ जनसँख्या नियंत्रण के साथ सुपोषण को भी अपरिहार्य मानते है। उनकी सरकार इस व्यापक उद्देश्य से कार्य भी कर रही है। योगी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा पिछले तीन वर्षाें में इसके दृष्टिगत अनेक प्रयास किये गये हैं।
जननी सुरक्षा योजना,जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना जिससे शिशु एवं मातृ मृत्युदर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई है। प्रदेश में शिशु मृत्युदर को नियंत्रित करने के लिए एक हजार बीस न्यू बाॅर्न केयर काॅर्नर,एक सौ अस्सी न्यू बाॅर्न स्टेब्लाइजेशन यूनिट,बयासी सिक न्यू बाॅर्न यूनिट की स्थापना की गयी है। प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के अड़तीस जनपद वेक्टर जनित रोगों से प्रभावित रहते थे। इंसेफेलाइटिस आदि बीमारियों से नवजात शिशु बहुत प्रभावित होते थे।
वर्तमान सरकार के सकारात्मक प्रयासों से इस पर प्रभावित नियंत्रण स्थापित किया गया, जिससे मृत्युदर में नब्बे प्रतिशत की कमी आयी। इसी प्रकार कोरोना संकट पर अंकुश लगाने के लिए विगत चार माह में अनेक कार्यक्रम संचालित किये। जब पहला केस आया था, तब प्रदेश में कोविड टेस्ट के लिए एक भी प्रयोगशाला नहीं थी। लेकिन आज प्रदेश सरकार ने अड़तीस हजार टेस्ट प्रतिदिन की क्षमता प्राप्त कर ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंख्या का स्थिरीकरण अत्यन्त आवश्यक है।
जनसंख्या का स्थिरीकरण करके ही समाज की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। जनसंख्या वृद्धि जैसे महत्वपूर्ण विषय पर जनसामान्य को जागरूक किया जाना आवश्यक है। उन्होंने जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का शुभारम्भ किया। इसके साथ ही कोविड जांच हेतु नवसृजित मण्डलीय बीएसएल टू प्रयोगशालाओं के सात लैब का भी लोकार्पण किया। प्रकार प्रदेश के सभी मण्डलों में कोविड जांच के लिए टेस्टिंग लैब उपलब्ध हो गयी हैं। प्रत्येक मेडिकल काॅलेज में बीएसएल टू व थ्री लेवल की लैब्स बनाने की कार्यवाही युद्धस्तर पर हुई है।
कोविड की चुनौतियों के साथ वेक्टर जनित बीमारियों के लिए भी यह समय अत्यन्त संवेदनशील है। इसके मुकाबले के प्रति सरकार गम्भीर है।नउत्तर प्रदेश देश की एक बड़ी जनसंख्या वाला राज्य है। लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से जनसंख्या को नियंत्रित करना आवश्यक है।