बिहार विधानसभा चुनाव हेतु राजग की चार पार्टियों के बीच सीटों पर समझौता हो गया। लोक जन शक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान असमंजस के शिकार है। उनके पिता केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान बीमारी के कारण निष्क्रिय है। उनकी अनुपस्थिति में चिराग पासवान राजनीतिक समझदारी का प्रमाण देने में विफल रहे है। वह मोदी से बैर नहीं का नारा दे रहे है। लेकिन इससे उनका कोई लाभ नहीं होगा।
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि हम चुनाव विकास के मुददे पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने विपक्ष को बिजली,पानी, सड़क और प्रवासियों के मुद्दे पर चुनाव लड़ने की चुनौती दी है। राजग चौथाई के बहुमत के साथ नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनायेंगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार एनडीए में वही रहेगा, जो नीतीश कुमार को एनडीए का नेता स्वीकार करेगा। ज्यादा और कम सीटों से कोई अंतर नहीं पड़ता है। एक बार घोषणा हो गई तो इसके बाद कोई इफ बट नहीं हैं। नीतीश कुमार आज भी मुख्यमंत्री हैं और आगे भी रहेंगे। इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है।
नीतीश के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने एक दर्जन बार स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान बीमार हैं। अगर वह स्वस्थ होते तो ऐसी स्थिति नहीं होती। लोजपा का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ी तो हमलोग चुनाव आयोग को लिखकर देंगे कि प्रधानमंत्री के चित्र का इस्तेमाल हमारे गठबंधन के चार दल ही कर सकते हैं। इसके अलावा और कोई करता है तो चुनाव आयोग कार्रवाई करने को स्वतंत्र है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि न्याय के साथ विकास और समाज के हर तबके का उत्थान हम लोगों का मकसद है। कहा कि रामविलास पासवान से हमारे पुराने संबंध हैं।
जदयू और भाजपा साथ चुनाव लड़ेंगे और मिलकर सरकार बनाएंगे। न्याय के साथ विकास राजग सरकार का सर्वोपरि लक्ष्य है। जदयू और भाजपा की मदद से ही रामविलास राज्यसभा में गए। पन्द्रह वर्षो से हमलोग मिलकर काम कर रहे हैं। एक साथ काम करने का लंबा अनुभव है। इससे पहले जिन लोगों ने काम किया था उस समय बिहार की क्या स्थिति थी,सभी के सामने है। कितने दंगे होते थे सभी को मालूम है। कहीं सड़क नहीं थी। बिजली का क्या हाल था। स्कूल नहीं चल रहे थे। कॉलेज के शिक्षकों को समय पर तनख्वाह नहीं मिलती थी। अब बिहार इन बातों से आगे निकल चुका है।