बिधूना/औरैया। आजाद भारत के पहले उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती के मौके पर बिधूना क्षेत्राधिकारी मुकेश प्रताप ने अपने कार्यालय पर उनकी फोटो पर माला पहनाकर व पुष्प अर्पित कर उनके प्रति अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किया। उन्होंने बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था। और उन्होंने 15 दिसम्बर 1950 को मुंबई में अपनी अंतिम सांस ली।
मुकेश प्रताप ने कहा कि किसान परिवार में जन्मे सरदार पटेल जी अपनी कूटनीतिक क्षमताओं के लिए भी याद किये जाते है। सरदार वल्लभ भाई पटेल को हम लौह पुरुष के नाम से भी जानते हैं, उनके द्वारा किये गए साहसिक कार्यो की वजह से ही उन्हें लौह पुरुष और सरदार जैसी उपाधियों से नवाजा गया। सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि खुद महात्मा गांधी ने दी थी।
सरदार पटेल का मानना था, “उन्होंने कहा था कि आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिये।” “इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है। जीवन की डोर तो ईश्वर के हाथ में है, इसलिए चिंता की कोई बात हो ही नहीं सकती।” 1991 में मरणोपरांत उनको भारत रत्न से नवाजा गया।
वहीं बिधूना कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजकुमार सिंह राठौर ने कोतवाली परिसर में पटेल जी की जयंती मनाकर अधीनस्त पुलिस कर्मियों को सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचारों पर चलने के लिए मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा, आज हम जिस कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैले विशाल भारत को देख पा रहे हैं, उसकी कल्पना सरदार वल्लभ भाई पटेल के बिना शायद पूरी नहीं हो पाती। उन्होंने हैदराबाद के निजाम समेत देश के छोटे छोटे रजवाड़ों और राजघरानों को एक कर भारत में सम्मिलित किया। पटेल जी ने आजाद भारत को एक विशाल राष्ट्र बनाने में उल्लेखनीय योगदान दिया।
इस अवसर पर क्राईम इंस्पेक्टर निर्भय चन्द्र, दरोगा उदयवीर सिंह, सब इंस्पेक्टर देवेंद्र कुमार, दरोगा पवन, चौकी इंचार्ज मनीष, आलोक, रमाकांत, आकाश, विजय, कैलाश राजपूत, रामु जादौन, विश्वनाथ, मनोज यादव, मनोज रावत, रवि चौधरी, अनुराग, शहजाद, अनुज यादव, ऋतु चौधरी, ऋतु भारती, सरिता, सुनीता यादव समेत समस्त पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर