जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए गए विकल्पों के विरोध करने वाली राजस्थान सरकार ने पहले विकल्प को चुनने का फैसला किया है. इसके तहत राजस्थान को 4604 करोड़ रुपए स्पेशल बोररोइंग विंडो के तहत प्राप्त होगा.
इसके अलावा राजस्थान के जीडीपी का 0.50 प्रतिशत यानी 5462 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज भी राजस्थान को उपलब्ध कराया जाएगा. चालू वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी कलेक्शन में गिरावट की भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों के सामने दो विकल्प रखा था.
पहले विकल्प में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके जीडीपी के 0.5 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा. आत्मनिर्भर पैकेज के तहत 17 मई 2020 से राज्यों के जीडीपी का 2 प्रतिशत कर्ज लेने की अनुमति मिलने के अतिरिक्त होगा.
सभी राज्यों द्वारा लिए जाने वाले कर्ज सीमा 1.1 लाख करोड़ के ऊपर या अतिरिक्त होगा. केंद्र सरकार ने स्पेशल बोररोइंग विंडो के तहत 21 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों को 23 अक्टूबर और 2 नवंबर को दो किस्तों में 12 हजार करोड़ रुपये जारी किए हैं. उम्मीद की जा रही है कि तीसरे किस्त का ऐलान 9 नवंबर को हो सकता है.
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए दो विकल्पों में अधिकतर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पहला विकल्प चुना है. जिसमें तीन तीन केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर ने भी पहले विकल्प को चुनने का फैसला किया है.
इसके अलावा पहला विकल्प चुनने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, तमिलनाडु शामिल है.