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मनमाने कानून बनाकर किसानों को गुलाम बनाने की योजना पर काम कर रही है सरकार: डाॅ. मसूद

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अजित सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने केन्द्र सरकार के किसानों के प्रति किये जा रहे अमानवीय व्यवहार तथा सरकार द्वारा पूंजीपतियों के पक्ष में पारित किये गये किसान विरोधी कृषि कानूनों के प्रति रोष व्यक्त करते हुये कहा कि केन्द्र सरकार जिस प्रकार की सर्तकता दिल्ली के सभी बार्डरों पर दिखा रही है। यदि वैसी सर्तकता देश की सीमाओं पर दिखाएं तो सेना के जवान सुरक्षित रहेंगे और देश में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आयेगी।

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पारित किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस लेने की जायज मांगों के साथ किये जा रहे आन्दोंलन को निर्दयतापूर्वक कुचलने के लिए निर्दोश किसानों पर आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज करना केन्द्र सरकार की किसान विरोधी मानसिकता का सजीव उदाहरण है। ऐसा लगता है कि देश के प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री ने लघु और सीमान्त किसानों की बहुतायत संख्या को 6 हजार रूपया वार्षिक देकर खरीद लिया है और मनमाने कानूनों के द्वारा किसानों को गुलाम बनाने की योजना पर कार्य प्रारम्भ कर दिया है। राष्ट्रीय लोकदल सरकार के इस कृत्य की घोर करता है और सड़क से संसद तक निरंतर संघर्षषील है।

डाॅ. अहमद ने कहा कि किसान विरोधी नियमों को वापस लेने के लिए केवल पंजाब और राजस्थान के किसान ही नहीं बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत बुलंदशहर, अलीगढ़ आदि जनपदों के किसान भी आन्दोलित हैं। केन्द्र सरकार ने खाद, बीज से लेकर किसानों के बिजली के बिल की बढोत्तरी और सिचाई के साधनों में डीजल की मंहगाई आदि प्रत्येक प्रकार से किसानों के साथ छल किया है और विगत 6 वर्षो में दिल्ली का इतिहास गवाह है कि इस सरकार ने किसानों को दिल्ली की सीमा में घुसने नहीं दिया ताकि किसान अपनी बात कह सके और न ही देश के प्रधानमंत्री ने अपने कृषि मंत्री को निर्देशित किया वे किसानों के बीच में जाएं और किसानों की समस्याओं का समाधान करे।

सरकार केवल निर्दोश किसानों पर आंसू गैस के गोले छोडना तथा बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज करना ही अपना हक समझती है। आज दिल्ली के सिन्धु बार्डर पर भयानक लाठीचार्ज हुआ है और इससे पूर्व किसान आन्दोलन में गाजियाबाद बार्डर पर लाठीचार्ज हुआ था, जिससे सैकडों किसान घायल हुये थे। सरकार केवल किसानों से टकराव लेकर अपनी पीठ थपथपाने में माहिर है। किसान समस्याओं पर सहानूभूतिपूर्वक विचार करके सर्वमान्य समाधान निकालने में सरकार की कोई रूचि नहीं है। आज किसान मसीहा चौ. चरण सिंह की आत्मा किसानों पर हो रहे अत्याचारों को देखकर निष्चित रूप से विचलित होगी। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने संकल्प लिया है कि किसानों की लडाई तन मन धन से लड़ते हुये उन्हें न्याय दिलाएंगे।

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