जाने माने व्यंग्यकार और कवि पंकज प्रसून विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार, विज्ञान भारती और सीएसआईआर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहे अन्तराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के ‘बहुभाषी विज्ञान कवि सम्मेलन’ में शिरकत करेंगें। इससे पहले भी वह अन्तराष्ट्रीय महत्व के इस आयोजन में आमन्त्रित किये जा चुके हैं।
पंकज प्रसून ने पिछले साल ही देश के पहले विज्ञान कवि सम्मेलन का संयोजन शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय में किया था। उसके बाद विज्ञान प्रसार द्वारा देश के कई भागों में इस तरह के आयोजन कराए गए।
पंकज प्रसून बताते हैं कि पहले लोग छुटपुट विज्ञान कविताएं लिखते थे लेकिन उन्होंने इस विधा पर गंभीरता से कार्य किया उन्होंने परमाणु ऊर्जा जैसे विषय पर कविताओं की किताब लिखी जो एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज है। उन्होंने राष्ट्रीय मंच एवं टीवी चैनल्स पर वैज्ञानिक चेतना से संपन्न कविताओं को पढ़ना शुरू किया, जो खासी चर्चित रहीं और पब्लिक ने खूब सराही।
पंकज प्रसून ने देश की पहली विज्ञान कविता की वर्कशॉप भी वर्ष 2018 के आईआईएसएफ (IISF) में संचालित की थी जिसमें देश भर के 4500 बच्चों ने भाग लिया था। तमिल तेलुगू मलयालम कन्नड़ गुजराती और पंजाबी भाषाओं में बच्चों ने विज्ञान कविताएं लिखी थी।
उनकी कविताएं वैज्ञानिक चेतना को जागृत करने का सबसे शसक्त माध्यम है। विज्ञान को रसमय तरीके से आम आदमी तक पहुंचाना चाहिए। बच्चे जो सिद्धांत अमूमन जूनियर कक्षा में सीखते उसे प्राइमरी लेवल पर ही कविताओं की सहायता से सिखाया जा सकता है। इस बार के बहुभाषी विज्ञान कवि सम्मेलन में तमिल, कोकड़ी, गुजराती, पंजाबी भाषा के कवि प्रतिभाग कर रहे हैं।