Breaking News

यूपी की झांकी का सांस्कृतिक सन्देश

डॉ दिलीप अग्निहोत्रीअयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का सपना पांच शताब्दी पुराना था। कुछ समय पहले तक इसका कोई समाधान दिखाई नहीं दे रहा था। अंततः यह सपना साकार हुआ। पांच सदियों का समय कोई कम नहीं होता। ऐसे में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होना ऐतिहासिक व अभूतपूर्व था।

पांच अगस्त को श्री रामभूमि पर मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन हुआ था। उसके बाद यह पहला गणतंत्र दिवस है। इसलिए गणतंत्र दीवस परेड में इस ऐतिहासिक प्रसंग की अभिव्यक्ति सहज स्वभाविक थी। यह समाधान शांति व सौहार्द के साथ हुआ। इसके अलावा भारत के मूल संविधान में श्रीराम का चित्र भी सुशोभित था।

ऐसे में यह संविधान की भावना के भी अनुरूप है। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का शुभारंभ किया था। इसके माध्यम से त्रेता युग की झलक दिखाने का प्रयास किया गया। अब यह अयोध्या की परंपरा में समाहित हो गया है। इस बार उत्तर प्रदेश की झांकी में दीपोत्सव को भी सजाया गया है। दीपोत्सव की भव्यता रामायण के प्रेरक प्रसंगों पर आधारित झांकी भी प्रदर्शित की गई।

इसमें रामायण की रचना करते महर्षि वाल्मीकि,उनके आश्रम और पीछे मंदिर की प्रतिकृति है।अयोध्या हमारे लिए पवित्र नगरी है और राममंदिर हर आस्थावान के लिए श्रद्धा का विषय है। इस प्राचीन नगरी की प्राचीन विरासत की झांकी का प्रदर्शन किया गया।

झांकी में भगवान राम के प्रतिरूप के साथ कलाकारों का दल था।निषादराज गृह,शबरी के बेर,पाषाण अहिल्या, संजीवनी लाते हनुमान, जटायु राम संवाद और अशोक वाटिका के दृश्य भी आकर्षक है।

About Samar Saleel

Check Also

पुलिसकर्मियों को बिना मतलब दौड़ाने और भ्रष्टाचार में लिप्त बाबू जाएंगे जेल, हर माह मांगा जाएगा फीडबैक

वाराणसी। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा कि अनावश्यक पुलिसकर्मियों को परेशान और भ्रष्टाचार को ...