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आत्मनिर्भर भारत का शौर्य प्रदर्शन

डॉ.दिलीप अग्निहोत्री

गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय शौर्य के प्रदर्शन का भी अवसर होता है। राष्ट्रीय राजधानी का राजपथ इसका गवाह बनता है। लेकिन आज के गणतंत्र दिवस में शौर्य के साथ आत्मनिर्भर भारत का भी सन्देश दिया गया। पिछले दिनों सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर अभियान शुरू किया था। इसके अंतर्गत सैकड़ों रक्षा सामग्री के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया। इनका निर्माण भारत स्वयं करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद ही इस दिशा में कदम उठाना प्रारम्भ कर दिया था। इसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे है। पहले भारत की रक्षा आवश्यकताएं आयात पर ही निर्भर थी। अब भारत ना केवल स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बन रहा है,बल्कि चालीस से अधिक देशों को सामरिक सामग्री का निर्यात भी करने लगा है।

आत्मनिर्भर भारत व मेक इन इंडिया अभियान सफल हो रहा है। भारत मेक फ़ॉर वर्ल्ड की दिशा में अग्रसर है। अगले तीन वर्षों में भारत पैंतीस हजार करोड़ रुपये की रक्षा सामग्री निर्यात करने की क्षमता हासिल कर लेगा। पिछले छह वर्षों के दौरान सामरिक सामग्री निर्यात में सात सौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व, एशिया और लैटिन अमेरिकी देशों को आकाश मिसाइल, ब्रह्मोस मिसाइल, तटीय निगरानी प्रणाली, रडार और एयर प्लेटफार्म जैसे सुरक्षा उपकरण और हथियार निर्यात किया जा रहा है। स्वदेशी भारत ड्रोन दुनिया में सर्वाधिक उच्च तकनीक का है। इसके अलावा स्वदेशी एन्टी सबमरीन युद्धपोत आई इन एस कवरत्ती को भी नौसेना में शामिल किया गया है। यह भी राडार के पकड़ में नहीं आता।

इसी प्रकार अर्जुन टैंक, पिनाक रॉकेट लांच सिस्टम,आकाश, नाग मिसाइल,तेजस विमान, ध्रुव हेलिकॉप्टर,अग्नि बैलिस्टिक मिसाइल, अस्त्र मिसाइल,अस्मि पिस्टल स्वदेशी है। इस आधार पर भारत कुछ विकसित देशों की बराबरी पर आ गया है। देश में अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, राइफल्स आदि का भी निर्माण होगा। बुलेट प्रूफ जैकेट व बर्फीले क्षेत्रो के लिए जूतों का उत्पादन भी देश में हो रहा है।

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