सर्वे सन्तु निरामयः भारतीय चिंतन की कामना है। इसमें मानव मात्र के कल्याण का भाव समाहित है। इस समय पूरी दुनिया में इसका उद्घोष है। क्योंकि भारत इसी भावना के अनुरूप सैकड़ों देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है। लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित स्वास्थ्य जाँच शिविर सर्वे सन्तु निरामयाःका सार्थक नाम दिया गया।
कुलपति प्रो.आलोक कुमार राय ने इस जांच शिविर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बताया गया कि लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने शताब्दी वर्ष के दौरान सामाजिक संस्थाओं के सहयोग सेवा भाव का सन्देश दिया है।
शिविर का आयोजन छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो पूनम टंडन द्वारा साईं हॉस्पिटल के सहयोग से किया गया। इसमें छात्राओं के हीमोग्लोबिन रक्त तथा स्वास्थ्य जाँच हेतु यह शिविर तिलक हास्टल में आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न विशेषज्ञ चिकित्सकों से छात्राओं ने परामर्श प्राप्त किया तथा जाँचे करवाईं। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संगीता राय थी। कुलपति प्रो.आलोक कुमार राय ने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य श्रेष्ठ कार्य निष्पादन के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है, इसीलिये शास्त्रों में कहा है- शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्।
विश्वविद्यालय की छात्राएँ हमारे राष्ट्र और समाज की भविष्यनिधि हैं। अतः रोग के प्रभावी होने से पहले ही स्वास्थ्य जाँच द्वारा पता लगाकर इस निधि को सुरक्षित रखे जाने की आवश्यकता है। सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से लखनऊ विश्वविद्यालय इस कार्य को प्रमुखता के साथ कर रहा है। तिलक हास्टल की प्रोवोस्ट डा. भुवनेश्वरी भारद्वाज ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि संसार में कोई भी कार्य करने का साधन शरीर ही है।
इसीलिए धर्मशास्त्रों ने कहा है कि प्रतिदिन प्रातःकाल उठकर शरीर की समस्याओं और उसके निवारण के लिये विचार करके उपाय करने चाहिये। इस अवसर पर एक सौ पचहत्तर छात्राओं के हीमोग्लोबिन की जाँच हुई। अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.पूनम टण्डन ने सांई हास्पिटल के निदेशक डा. सन्दीप सहित सभी चिकित्सकों तथा उनके दल को स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.अनिल शुक्ला, चीफ प्रोवोस्ट प्रो. नलिनी पाण्डेय, चीफ प्राक्टर प्रो. दिनेश कुमार, निदेशक आइ.पी.पी.आर. डा. दुर्गेश श्रीवास्तव, प्रोफेसर नीरज जैन, प्रो. निशी पाण्डेय, प्रो. अमिता कनौजिया, कुलसचिव विनोद कुमार सिंह, डा.अलका मिश्रा, डा.अनुपमा आदि मौजूद रहें।