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मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को 2 हिस्सों में बांटा, तेल-रसायन कारोबार के लिए बनाई Reliance O2C लिमिटेड

उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने शुक्रवार को कहा कि उसे अपने तेल-रसायन (Oil to Chemical) कारोबार को अलग इकाई बनाने के लिए शेयरधारकों और कर्जदाताओं से मंजूरी मिल गई है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के निर्देशों के अनुसार कंपनी ने ओ2सी कारोबार को अलग अनुषंगी इकाई- रिलायंस ओ2सी लिमिटेड में तब्दील करने के प्रस्ताव पर विचार के लिए शेयरधारकों और सभी कर्जदाताओं की बैठक बुलाई.

शेयर बाजार को दी सूचना में Reliance Industries ने कहा कि बैठक में शामिल 99.99 फीसदी शेयरधारकों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किए. शेयरधारक बैठक में वीडियो कांफ्रेन्स के जरिए शामिल हुए. बैठक की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) बी एन श्रीकृष्णा ने की. आरआईएल ने फरवरी में तेल रिफाइनिंग, ईंधन विपणन और पेट्रोरसायन (ओ2सी) कारोबार को मूल इकाई से 25 अरब डॉलर के कर्ज के साथ स्वतंत्र इकाई बनाने की घोषणा की. कंपनी सऊदी अरामको जैसे वैश्विक निवेशकों को हिस्सेदारी बेचकर इस कारोबार के मूल्य को सामने लाना चाहती है.

निवेशकों को आकर्षित करने में होगी आसानी

कंपनी द्वारा पूर्व में दी गई जानकारी के अनुसार रिलायंस ओ2सी लिमिटेड को अलग करने से कंपनी तेल से रसायन क्षेत्र में पूरी मूल्य श्रृंखला पर ध्यान दे सकेगी और अलग टिकाऊ पूंजी ढांचा तथा प्रबंधन टीम के साथ दक्षता सुधार सकेगी एवं निवेशक पूंजी आकर्षिक कर सकेगी.

गुजरात की दो रिफाइनरी नई कंपनी में ट्रांसफर होगी

गुजरात के जामनगर में दो रिफाइनरी, विभिन्न राज्यों में पेट्रो रसायन केंद्रों तथा खुदरा ईंधन कारोबार में 51 फीसदी हिस्सेदारी ओ2सी इकाई में स्थानांतरित की जाएगी. यह जरूरी मंजूरियों पर निर्भर है जिसे सितंबर तक मिलने की उम्मीद है. यह पूरा हो जाने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज में तेल एवं गैस खोज और उत्पादन कारोबार, वित्तीय सेवा, समूह का ट्रेजरी तथा कपड़ा कारोबार शामिल होगा और यह समूह की होल्डिंग कंपनी के रूप में काम करेगी.

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