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चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…अब तौ गांवन मा खतरा मंडराय रहा

नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

चतुरी चाचा आज अपने चबूतरे पर बड़ी गम्भीर मुद्रा में बैठे थे। चबूतरे के तीन तरफ दो-दो गज की दूरी पर कुर्सियां लगी थीं। एक कोने में बाल्टी में पानी, लोटा व साबुन रखा था। चबूतरे पर कुछ मॉस्क और सेनिटाइजर की एक बड़ी बोतल भी रखी थी। चबूतरे का दृश्य देखकर ही लग रहा था कि कोरोना का संक्रमण काफी बढ़ गया है। खैर, मेरे अभिवादन करते ही चतुरी चाचा की तन्द्रा भंग हो गई। वह कुछ बोलते उसके पहले ही कासिम चचा, मुन्शीजी, ककुवा व बड़के दद्दा एक साथ चबूतरे पर पधार गए। सब लोग मास्क लगाए थे। वहीं, ककुवा हमेशा की तरह गमछे से अपना मुंह ढके थे।

ककुवा ने प्रपंच शुरू करते हुए कहा- तुम पँच तौ कोरोउना ते सतरक हौ। मुला, बहुत जने आजव लापरवाह बने हयँ। याक जमाने मा प्लेग महामारी आई रहय। वही तना कोरोउना आवा हय। महाराष्ट्र मा आफत मची हय। लखनउवम कोरोउना क्यारु बम फुटि गवा हय। यूपी क राजधानी मा तीन हजार ते ज्यादा मनई रोजु कोरोउना ते पीड़ित होय रहे। अब तौ गांवन मा खतरा मंडराय रहा। इहिते बड़ा सावधान रहव। कबहूँ बेमतलब घर ते बाहर न निकरव। सब जने अपने घरके बच्चन अउ बुजुर्गन केर बहुतै ध्यान राखव। भीड़ ते दुरिन रहव। दुई गज केरी दूरी केरा पालन करव। मुंह पय मुसिक्का कसे रहव अउ हाथ धोवत रहव। याक बाति भूलिन गेन। हां, कोरोउना क्यार टीका जरूर लगवाय लेव। इहिमा कौनिव कोताही न करव। याक दिन कोरोउना हारी अउ हम सब जीतब।

चतुरी चाचा

चतुरी चाचा ने कहा- ककुवा, अपने बहुत अच्छी बात कही है। कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी। इससे इतनी जल्दी मुक्ति नहीं मिलनी है। एक अरब 35 करोड़ आबादी वाले भारत देश में सबका टीकाकरण इतनी जल्दी नहीं हो पायेगा। इसमें साल डेढ़ साल लग जाएंगे। ऐसे में बचाव ही इकलौता इलाज है। देश के हर नागरिक का कर्त्तव्य है कि वह अपने और अपने परिवार के हित में कोविड-19 के नियमों का पालन करे। क्योंकि अब देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन लगना ठीक नहीं होगा। अगर इस वर्ष भी बंदी हुई तो देश की अर्थव्यवस्था छिन्न-भिन्न हो जाएगी। करोड़ों लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे। महंगाई ही नहीं, बल्कि चोरी, लूट व डकैती जैसे अपराध बढ़ेंगे। आखिर सरकार कहाँ तक मुफ्त में अनाज, गैस सिलिंडर व आर्थिक मदद दे सकेगी?

कासिम चचा बोले- ककुवा और चतुरी भाई ने सही फरमाया है। लेकिन, क्या कोरोना की जंग अकेले जनता लड़ पाएगी? क्या कोरोना संक्रमण के लिए जनता ही दोषी है? नेता और अधिकारी सब जनता पर डालकर मस्त हैं। नेतागण पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। हर राज्य में रैली पर रैली कर रहे हैं। बड़े-बड़े नेता हजारों समर्थकों के हुजूम के साथ रोड शो कर रहे हैं। किसी भी रैली और रोड शो में कोविड-19 के नियमों को नहीं माना जा रहा है। न कहीं मॉस्क दिखाई देता है और न कहीं पर दो गज की दूरी। पूरा देश यह सब टीवी में देख रहा है। ऐसे में जनता से मॉस्क और शारीरिक दूरी की अपेक्षा करना बेमानी है। जिम्मेदार अधिकारी भी लालफीताशाही में हैं। कोरोना विकराल रूप ले चुका है। किसी अस्पताल बेड नहीं मिल रहे तो कहीं वेल्टीनेटर की कमी है। बहुत जगह तो पर्याप्त ऑक्सीजन सिलिंडर और पीपीई किट ही नहीं है। कोरोना मरीज इधर-उधर भटक रहे हैं।

मुन्शीजी ने कासिम चचा की बात का समर्थन करते हुए कहा- कासिम मास्टर की बात में बड़ी दम है। कोरोना की दूसरी लहर के बारे में बहुत पहले ही चेतावनी जारी हो गयी थी। परंतु, जिम्मदार अधिकारियों ने समय रहते समुचित प्रबन्ध नहीं किये। फलस्वरूप, कोरोना के इस कहर में कोई मरीज को भर्ती कराने के लिए लाइन में है। कोई पोस्टमार्टम के लिए इंतजार कर रहा है। कोई श्मशान में लाइन लगा है। महंगाई सुरसा की तरह मुंह फैलाती जा रही है। एक तरफ पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। दूसरी तरफ यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का घमासान चल रहा है। लॉकडाउन के डर से हजारों मजदूर पिछले साल की तरह इस वर्ष भी अपने घर वापस आने लगे हैं।

इसी बीच चंदू बिटिया नींबू का गुनगुना पानी व गिलोय का काढ़ा लेकर आ गई। सबने पानी पीकर काढ़े का कुल्हड़ उठा लिया। बड़के दद्दा ने काढ़े के साथ छत्तीसगढ़ की चर्चा करते हुए कहा- बीजापुर में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के मध्य उस दिन मुठभेड़ हुई। उसमें 21 जवान शहीद हो गए। वहीं, तकरीबन 30-35 नक्सलियों की मौत हो गई। नक्सलियों ने एक घायल कमांडो राकेश्वर सिंह को बंधक बना लिया था। नक्सलियों ने उसे 100 घण्टे बाद रिहा किया। इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी नक्सल समस्या का हल नहीं निकल पाया है। वहां की स्थानीय जनता नक्सलियों व सुरक्षा बलों के बीच पिस रही है। उधर, देश के अन्य तमाम राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी कोरोना का संक्रमण बड़ी तेजी से फैल रहा है।

चतुरी चाचा

अंत में चतुरी चाचा ने मुझसे कोरोना अपडेट मांगा। हमने परपंचियों को बताया कि विश्व में अबतक 13 करोड़ 39 लाख से अधिक लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। इसमें 29 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना निगल चुका है। इसी तरह भारत में अबतक एक करोड़ 33 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। जबकि करीब एक लाख 68 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। यूपी में छह लाख 64 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।

वहीं, नौ हजार से अधिक लोग बैमौत मारे जा चुके हैं। भारत ने कोरोना संक्रमण के मामले में विश्व के सभी देशों को पछाड़ दिया है। भारत में तकरीबन डेढ़ लाख नए मरीज रोज मिल रहे हैं। उधर, प्रधानमंत्री मोदी ने 11 अप्रैल से 14 अप्रैल के मध्य टीका उत्सव मनाने की अपील की है। देश में टीकाकरण अभियान अब जोर पकड़ रहा है।

चतुरी चाचा ने सबको रमजान और अंबेडकर जयन्ती की बधाई दी। साथ ही, पँचायत चुनाव में किसी भी उम्मीदवार से नकदी अथवा कोई गिफ्ट न लेने की नसीहत भी दी। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही लेकर फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!

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