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पारदर्शी व्यवस्था के सकारात्मक परिणाम

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही व्यवस्था में बदलाव पर बल दिया था। उनका मानना रहा है कि केवल सत्ता में परिवर्तन पर्याप्त नहीं होता। पुरानी व्यवस्था को कायम रखते हुए सुधार नहीं किया जा सकता। उत्तर प्रदेश में इस प्रकार के प्रत्यक्ष उदाहरण थे। एक दूसरे को कोसने वाली पार्टियों को बहुमत से सरकार बनाने का अवसर मिलता था।

लेकिन पांच वर्ष में ही ऐसी सरकारें अपनी लोकप्रयिता गंवा देती थी। इसका कारण था कि सत्ता के चेहरे व रंग ही बदलते थे। शासन संचालन का अंदाज एक जैसा रहता था। योगी आदित्यनाथ ने यही बात पश्चिम बंगाल में भी कही थी। उन्होंने कहा था कि यहां कांग्रेस कम्युनिस्ट व तृणमूल कांग्रेस को काम करने का दशकों तक अवसर मिला। लेकिन बंगाल बदहाल ही बना रहा। क्योंकि यहां एक जैसी व्यवस्था पर ही शासन का संचालन चलता रहा।

लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में पारदर्शी नियुक्ति व्यवस्था का उल्लेख किया। विगत चार वर्षों से इसी आधार पर नियुक्तियां हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विगत चार वर्षों में पुलिस बल के आधुनिकीकरण और इसकी कार्यप्रणाली में सुधार के व्यापक कदम उठाए गए हैं। प्रदेश के चार नगरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की गई है।

इनमें लखनऊ, गौतम बुद्ध नगर,वाराणसी एवं कानपुर नगर शामिल है। इन चार वर्षों में पुलिस विभाग में डेढ़ लाख पुलिसकर्मियों को नियुक्त किया गया है। इन नियुक्तियों में महिलाओं के लिए बीस प्रतिशत स्थान आरक्षित थे। पुलिस विभाग में आवासीय सुविधाओं के विस्तार के क्रम में प्रत्येक पुलिस लाइन एवं थाने में बैरकों की समुचित व्यवस्था की गई है। पुलिस प्रशिक्षण क्षमता को दोगुना किया गया है। गृह विभाग को इसके लिए पर्याप्त धनराशि सुनिश्चित की गई है।

उन्होंने कहा कि पैसे से ज्यादा इच्छा शक्ति महत्वपूर्ण होती है। राज्य सरकार द्वारा विगत चार वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस के आधुनिकीकरण तथा उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए जो प्रयास किए गए हैं। वाराणसी में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस प्रतिभाग करने के लिए छिहत्तर देशों के प्रतिनिधि आए थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस के अच्छे व्यवहार प्रशंसा की थी। इसी प्रकार प्रयागराज कुम्भ के सफल आयोजन में उत्तर प्रदेश पुलिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। प्रदेश पुलिस ने कुम्भ के दौरान जो मानक स्थापित किए,उन्हें अन्य संगठनों द्वारा हासिल कर पाना अभी मुश्किल है।

उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा ने कहा कि पुलिस का कार्य कठिन और दुरूह होता है। अच्छा अधिकारी वही है, जिसमें विनम्रता और दृढ़ता हो। पुलिस अधिकारी में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। उसका जनता से भी जुड़ाव होना चाहिए। समारोह को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी,पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी ने भी सम्बोधित किया। पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर सहित पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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