लखनऊ। रालोद के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने उत्तर प्रदेश सरकार से प्रदेश में व्यापक स्तर पर ड़ोर-टू-ड़ोर टीकाकरण कराने की मांग करते हुए कहा है कि ड़ोर-टू-ड़ोर टीकाकरण न होने से प्रदेश की 70 फ़ीसदी आबादी टीकाकरण से वंचित रह जाएगी। उन्होंने प्रदेश में टीकाकरण को सभी के लिए नि:शुल्क करने की मांग करते हुए कहा है कि यदि ऐसा न किया गया गया तो प्रदेश का ग्रामीण वर्ग, बुजुर्ग, दिव्यांग, वंचित व अशिक्षित तबका टीके से वंचित रह जाएगा।
आज जारी बयान में श्री दुबे ने कहा है कि प्रदेश सरकार के पास 15 करोड़ से अधिक ग्रामीण व 6 करोड़ से अधिक अशिक्षित तबके के लिए न तो टीके हैं और न ही कोई ठोस नीति है और तो और ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के केंद्र भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की टीकाकरण नीति से शहरी शिक्षित वर्ग जो तकनीकी जानकार हैं, वे ही मोबाइल ऐप व इंटरनेट द्वारा वैक्सीन के लिए पंजीकरण करा पा रहे हैं, ग्रामीण आबादी नहीं करा पा रही। उन्होंने कहा की टीकाकरण में शहरी क्षेत्रों में भी एक असमानता है, ड्राइवर, डिलीवरी मैन, सब्जी विक्रेता और फेरीवाले अधिक असुरक्षित हैं और ये जानकारी के अभाव में टीकाकरण नहीं करा पा रहे हैं, सिर्फ सक्षम लोगों को ही ऑनलाइन वैक्सीन स्लॉट का अपॉइंटमेंट मिल पा रहा है।
श्री दुबे ने टीकाकरण अभियान की शिथिलता पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि प्रदेश में अभी तक सिर्फ 30 से 40 लाख लोगों को ही वैक्सीन के दोनों डोज़ मिले हैं, क्या प्रदेश सरकार चाहती है कि प्रदेश की 25 करोड़ जनता अपने सभी काम-धंधे छोड़ कर अगले 2 वर्षों तक सिर्फ वैक्सीन के लिए पंजीकरण कराती रहे?
उन्होनें कहा कि भारतीय चिकित्सक संघ ने भी बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा घर-घर टीकाकरण सुझाव का समर्थन किया है। उन्होनें प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मियों, स्थानीय निकाय, ग्राम निकाय/पंचायत कर्मियों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से पंचायत स्तर पर ड़ोर-टू-ड़ोर नि:शुल्क टीकाकरण अभियान शुरू कराये जाने कि मांग कि है।