लखनऊ। राजधानी के अवध शिल्पग्राम में बने अस्थाई डीआरडीओ कोविड अस्पताल में वेंटिलेटर की तकनीकी गड़बड़ी की शिकायत आने के बाद जांच शुरू हो गई है। सेना के तीन अधिकारियों के जांच बोर्ड ने डीआरडीओ अस्पताल के सभी 150 वेंटिलेटर का तकनीकी निरीक्षण किया, जिनमें से 38 वेंटिलेटरो में कुछ तकनीकी कमियां सामने आई है। जांच बोर्ड के सैन्य अधिकारियों ने वेंटिलेटर के निरीक्षण की रिपोर्ट मध्य कमान मुख्यालय को दे दी है।
लखनऊ में डीआरडीओ द्वारा 500 बेड का कोविड अस्पताल मई माह की शुरुआत मे अवध शिल्प ग्राम में शुरू किया गया था। इनमें दो आइसीयू वार्ड के 150 और आक्सीजन वार्ड के 100 बेड शामिल हैं। डीआरडीओ अस्पताल में लगे वेंटिलेट में तकनीकी गड़बड़ी के कई मामले सामने आए। जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने भी वेंटिलेटर में आ रही गड़बड़ी का संज्ञान लिया। इसके बाद सेना के तीन वरिष्ठ अधिकारियों का जांच बोर्ड बनाकर इनक्वारी कमेटी गठित की गई।
सेना के जांच बोर्ड के अधिकारियों ने सभी आइसीयू के वेंटिलेटरों निरीक्षण किया। जिसके बाद कुल 38 वेंटिलेटर के सीरियल नंबर के साथ तकनीकी गड़बड़ी देखने को मिली। वेंटिलेटर में मॉनीटर, बैटरी, आक्सीजन आपूर्ति वाले सिस्टमो मे गड़बड़ी सामने आई हैं। जिसकी रिपोर्ट बनाकर मध्य कमान सेना मुख्यालय भेजी गई है।अस्पताल में 150 आइसीयू व वेंटिलेटर होने के कारण किसी मरीज के इलाज पर कोई असर नहीं पड़ा है। वहीं डीआरडीओ अस्पताल मे 5 मई से 22 मई तक 431 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हुए थे। जिनमें 166 की मृत्यु हुई, जबकि 138 मरीज कोरोना को हराकर घर वापस लौट चुके हैं। इसके अलावा 26 मई तक 448 मरीज भर्ती हुए हैं, जिनमें 186 की मृत्यु हुई और 173 स्वस्थ होकर घर चले गए। ब्लैक फंगस के दो रोगियों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया।