लखनऊ। सपा अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि डबल इंजन की भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र व राज्य सरकार की चार-चार की उपलब्धियों के नाम पर नतीजा शून्य बटा शून्य ही रहा है। श्री यादव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा ने अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य ढांचा, कानून व्यवस्था सबको बर्बाद कर रसातल में पहुंचा दिया है। विकास और शांति व्यवस्था के हर मोर्चे पर भाजपा ने अपनी विफलता के झंडे गाड़ रखे हैं। फिर भी भाजपाई गांव-शहर तक अपने झूठे सेवा कार्य की कहानियां बखानने जा रहे हैं। उन्हें अपने सात वर्षो का हिसाब जनता को देना होगा। अस्पतालों में इलाज-दवा-आक्सीजन के अभाव में तड़प-तड़प कर और कफन-दफन के बिना मरे लोगों की आत्माएं भाजपा सरकार की कथित उपलब्धियों की सबसे बड़ी गवाह हैं।
उन्होंने कहा कि बढ़ती मंहगाई और गिरती अर्थव्यवस्था ने भारतीयों के जीवन ढांचे को ही बदल कर रख दिया है। वर्ष 2020-2021 में जीडीपी दर में 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। नौ मई 2021 का आंकड़ा है कि शहरों में बेकारी दर 17.4 प्रतिशत बढ़ गई है। लगभग 23 करोड़ लोग फिर गरीबी रेखा से नीचे आ गए हैं। लोगों की आय घटी, एक करोड़ से अधिक की नौकरी चली गई। बीमारी, घरेलू खर्च चलाने के लिए लोग काफी कर्ज लेने को मजबूर हुए हंै। अर्थव्यवस्था के नकारात्मक संकेतो के अनुसार जीवनस्तर अभी और गिरावट संभावित है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना संकट से निपटने के लिए अभी भी नीति है, न नियत है। इस महामारी से निपटने में भाजपा सरकार की विफलता जगजाहिर है, लेकिन अपनी प्रशंसा के लिए प्रधानमंत्री ने आठ अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में ऐलान कर दिया था कि ‘हमने वैक्सीन के बिना कोविड को हरा दिया‘ मुख्यमंत्री भी झूठ की नाव में सवार अपनी उपलब्धियों का बखान करते रहे। नतीजा यह निकला कि कोरोना महामारी के दूसरे दौर में अस्पतालो में दवा, इलाज के साथ आक्सीजन के भारी अभाव से हाहाकार मच गया। सरकारी आंकड़ो से ही 3,22,512 मौतें हो गयी जबकि अन्य संचार माध्यमो ने मृतकाें की संख्या कहीं अधिक है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में समाजवादी सरकार में जो व्यवस्थाएं की गई थी, भाजपा सरकार ने उन्हें द्वेषवश बर्बाद कर दिया। स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली से हालात बिगड़ते गए। गांवो में शहरों से ज्यादा संक्रमण फैला। अस्पतालों में लापरवाही की हद हो गई जब भाजपा के कई विधायक और उनके परिवारीजनों की भी जान कोरोना से चली गई और उनकी शिकायतों पर सुनवाई तक नहीं हुई। राज्य में सत्ता संरक्षित जहरीली शराब पीकर अनेक लोगों की मौत हो गई। इतना ही नहीं पंचायत चुनावों में 1600 से ज्यादा शिक्षकों की दुखद मृत्यु हो गई।
श्री यादव ने कहा कि कोरोना काल में भाजपा सरकार ने बेवजह की सख्ती की और इसी कारण कारोबारी परेशान है। भाजपा सरकार में महिलाएं और बेटियां बेहाल रही। प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में 5,844 सीटों पर धांधली हुई। नोटबंदी, जीएसटी थोपकर समस्त व्यापारिक गतिविधियों को चौपट कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में ग्रामीण कृषि का प्रथम स्थान आता है। भाजपा राज में गांव पूर्णतया उपेक्षित है। खेती-किसानी बर्बाद है। नहीं फसलों का एमएसपी दाम मिल रहा है और नहीं बकाये का भुगतान हो रहा है। बैंक कर्ज से राहत और कृृषि के काले कानूनो से निजात नहीं मिल रही है। मरीजो के उपयोग में आने वाली दवाएं गायब, काला बाजारियों की चांदी, प्रशासन अपनी नाकामी छुपाने को आंकड़ो में हेराफेरी कर रही है। सच तो यह है कि न गंगा माई के, न गोमाता के भाजपाई सिर्फ जनता को छल कर सत्ता हासिल करने के एक मात्र काम में लगे रहने वाले जीव हैं। गोशालाओं में गाय मर रही है, आदि गंगा गोमती में नालो की गंदगी के साथ जलकुंभी छाई है, गंगा की निर्मलता प्रदुषित हो गई है।
श्री यादव ने कहा कि भाजपाई छद्म राष्ट्रवाद और खोखली नैतिकता की आड़ में प्रदेश की जनता को ठगने का काम कर रहे है। जनता अब भाजपा सरकार से सन् 2022 में निजात पाने का संकल्प कर चुकी है। वह पुनः समाजवादी सरकार बनाएगी ताकि प्रदेश फिर उत्तम प्रदेश बनने की दिशा में चल सके। वैसे भी लाखों मौतों के प्रति संवेदनहीनता दिखाने वाली भाजपा सरकार के ‘दिन है बचे चार‘ अब जनता माफ नहीं करेगी।