उत्तराखंड हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार की खिंचाई करते हुए उसे चारधाम यात्रा के संबंध में कुंभ की तरह ढिलाई न बरतने की सख्त हिदायत दी.
कुंभ की तरह ही चारधाम यात्रा में अव्यवस्था हुई तो कोर्ट हस्तक्षेप करेगा। कोर्ट ने पर्यटन सचिव को फटकार लगाते हुए यात्रा की व्यवस्था, नई एसओपी व रिकार्ड के साथ 21 जून तक नया शपथपत्र पेश करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व सच्चिदानंद डबराल की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पर्यटन सचिव दलीप जावलकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए।
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रघुवेंद्र सिंह चौहान और जस्टिस आलोक वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को चारधाम यात्रा के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाकर उसे 21 जून तक अदालत में दाखिल करने और 23 जून को मामले की सुनवाई की अगली तारीख पर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव और अपर पर्यटन सचिव को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अदालत में पेश होने के निर्देश भी दिए.