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कोरोना से जिनके पति की मौत हुई पट्टे मुहैया कराएगी सरकार

लखनऊ। गांव, गरीब, किसान की चिंता योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इनकी समस्याओं के निदान को लेकर वह लगातार सक्रिय रहते हैं। इसके चलते ही मुख्यमंत्री ने बीते दिसंबर में लंबित वरासत मामलों का निस्तारण करने का अभियान चलवाया। इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी से लोगों के बचाव एवं इलाज के लिए राज्य के सभी गांवों में सफाई अभियान चलवाया, हर गांव को सैनिटाइजेशन करवाया और ग्रामीणों को दवाई मुहैया कराई। अब इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले ग्रामीणों की अविवादित वरासत उनके विधिक उत्तराधिकारी के पक्ष में खतौनी में दर्ज करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा कोरोना महामारी से जिन महिलाओं के पति की मौत हो गई है इनमें से जिनके पास रहने को आवास और जीविका के लिए रोजगार नहीं है उनको कृषि एवं आवासीय भूमि का पट्टा उपलब्ध कराया जाएगा।

  • सबके साथ खड़ी सरकार के नारे तले 18 जुलाई तक चलेगा विशेष वरासत अभियान
  • कोरोना से जान गंवाने वाले ग्रामीणों के वरासत प्रकरणों के निस्तारण का अभियान शुरू

मुख्यमंत्री ने इस फैसले के तहत मंगलवार से पूरे प्रदेश में विशेष वरासत अभियान ”सबके साथ खडी है सरकार” के नारे के तहत शुरू किया गया है। यह अभियान 18 जुलाई तक चलेगा और इस दौरान राज्य के सभी 1,08992 राजस्व गांवों में जाकर लेखपाल और कानूनगो कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले ग्रामीणों की अविवादित वरासत उनके विधिक उत्तराधिकारी के पक्ष में खतौनी में दर्ज करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आज से शुरू हुए इस अभियान में कहीं कोई कमी ना रहे, इसके लिए अपर मुख्य सचिव (राजस्व) मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए। कोरोना महामारी से मृत भू-स्वामियों की अविवादित वरासत उनकी विधवा सहित विधिक उत्तराधिकारियों के पक्ष में तत्काल दर्ज किस तरह दर्ज किया जाना है, यह उन्होंने अधिकारियों को बताया है।

शासन स्तर से यह भी निर्देश दिया गया है कि कोरोना से जान गंवाने वाले मृत भू-स्वामियों की विधवा से किसी भी तरह के आवेदन की जरूरत नहीं होगी। लेखपाल एवं कानूनगो द्वारा आवश्यक विवरण एकत्र कर वरासत दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी। जिन निराश्रित विधवा की आजीविका का कोई साधन नहीं है और आवास की भी समुचित सुविधा नहीं है, उनके पक्ष में अभियान चलाकर उनकी पात्रता के अनुसार कृषि योग्य एवं आवासीय भूमि के पट्टे आवंटित किए जाएंगे। आवास की पात्रता होने पर ग्राम्य विकास विभाग की मदद से आवास का निर्माण कराया जाएगा। 18 जुलाई तक हर हाल में यह कार्य पूर्ण किया जाएगा और मंडलायुक्त इसकी सतत निगरानी करेंगे। प्रत्येक जिले में चलाए गए अभियान से संबंधित जानकारी 20 जुलाई तक शासन को उपलब्ध करानी होगी।

मुख्यमंत्री ने निर्देश पर शुरू हुए इस विशेष वरासत अभियान के तहत राज्य के 22 हजार ,लेखपाल और ढ़ाई हजार से अधिक कानूनगो राज्य के 1,08992 राजस्व गांवों में जाकर कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले ग्रामीणों की अविवादित वरासत उनकी विधवा सहित विधिक उत्तराधिकारियों के पक्ष में तत्काल दर्ज खतौनी में उसे दर्ज करेंगे। बीते साल दिसंबर में मुख्यमंत्री ने भूमि संबंधी विवादों का संज्ञान लेते हुए लंबित वरासत के प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए  वरासत अभियान चलाया था। ग्रामीण इलाकों में वरासत के उक्त अभियान को हाथों हाथ लिया गया था। बीते साल 15 दिसंबर से इस वर्ष 15 मार्च तक चले उक्त वरासत अभियान में 9,02576 लोगों की वरासत विधिक उत्तराधिकारियों के पक्ष में दर्ज कर उसे खतौनी में दर्ज किया गया था। सरकार के इस अभियान के चलते भूमि संबंधी विवादों में कमी आयी और अब कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले ग्रामीणों के भूमि संबंधी प्रकरणों को उसके विधिक उत्तराधिकारी के पक्ष में दर्ज करने की पहल सरकार ने ही है। इसके लिए विशेष वरासत अभियान चलाया जा रहा है और 18 जुलाई तक कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले हर ग्रामीण की अविवादित वरासत उनके विधिक उत्तराधिकारी के पक्ष में खतौनी में दर्ज करा दी जाएगी। इसके अलावा कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले ग्रामीण की विधवा जिसके पास रहने के लिए आवास और जीविका चलाने के लिए रोजगार नहीं है को कृषि एवं आवासीय भूमि का पट्टा उपलब्ध कराया जाएगा।

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