लखनऊ। आज राष्ट्रीय लोकदल द्वारा पूरे उप्र में बेतहाशा बढ़ रही तेल और गैस की कीमतों के विरोध तथा अन्य मुददों को लेकर जिला मुख्यालयों पर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के महामहिम राज्यपाल महोदय को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया। यह जानकारी राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने दी। राजधानी लखनऊ में भी महानगर अध्यक्ष चन्द्रकांत अवस्थी की अध्यक्षता तथा युवा रालोद के प्रदेश अध्यक्ष अम्बुज पटेल, प्रदेश महासचिव संतोष यादव, प्रदेश सचिव रमावती तिवारी, युवा रालोद के उपाध्यक्ष अश्वनी प्रताप सिंह, महानगर उपाध्यक्ष अभिनव मिश्रा, वार्ड अध्यक्ष संगीता जायसवाल की उपस्थिति में महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित पांच सुत्रीय मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया गया।
युवा रालोद के प्रदेश अध्यक्ष अम्बुज पटेल ने कहा कि गन्ना किसानों का हजारों करोड़ रूपया बकाया होने से उनमें घोर निराशा व्याप्त है। वर्तमान सरकार की वादाखिलाफी के कारण किसान वर्ग अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है। प्रदेश की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। ऐेसे में सभी वर्ग के लोगो की आशा भरी निगाहे राजभवन की ओर हैं। रालोद के महानगर अध्यक्ष चन्द्रकांत अवस्थी ने कहा कि वर्तमान समय में डीजल, पेट्रोल, गैस तथा बिजली के दामों में हुयी बेतहाशा वृद्धि के फलस्वरूप प्रदेश की जनता एवं किसानों की दषा अत्यंत सोचनीय होती जा रही है। कोरोना काल में जब लोग बेरोजगार हो गये उस दौरान बढ़ी हुयी मंहगाई के कारण आम जनमानस को जीवन यापन करना अत्यंत कठिन हो गया। लोग भुखमरी के कगार पर आ गये हैं।
सौंपे गये ज्ञापन में रालोद नेताओं ने मांग की कि डीजल और पेट्रोल की बिक्री से राज्य सरकार को मिलने वाले टैक्स में कमी करने का आदेश दिया जायं ताकि प्रदेश में मंहगाई कम हो सके, गैस के दामों में हुयी वृद्वि पर तत्काल रोक लगायी जाय ताकि उज्जवला योजना में गरीबों को भी गैस का सिलिण्डर दुबारा भरवाने का मौका मिल सके, बिजली के मूल्य उप्र में देश के अन्य प्रदेशों की अपेक्षा अधिक हैं जिन्हें कम करके प्रदेश की जनता को राहत दी जाय तथा कोरोना काल में लाॅकडाउन के फलस्वरूप बंद व्यापारिक प्रतिष्ठिानों का बिजली बिल माफ किया जाय, गन्ना किसानों के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान ब्याज सहित अविलम्ब कराया जाय तथा कोरोना काल में मध्यम वर्गीय परिवारों की आर्थिक व्यवस्था जर्जर हो गयी है। अतः विगत सत्र और वर्तमान सत्र के छात्रों का शुल्क माफ किया जाय ताकि अभिभावकों को राहत मिल सके।