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केंद्र का गैरजिम्मेदाराना बयान: कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई किसी की मौत

नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में देश में ऑक्सीजन की कमी की वजह से किसी की जान नहीं गई। मंगलवार को राज्यसभा में सरकार ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस तरह की किसी मौत की जानकारी नहीं दी है।

राज्यसभा में सरकार ने कहा, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस तरह की किसी मौत की जानकारी नहीं दी

सरकार ने यह भी बताया कि देश में 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के टीकाकरण के लिए कोरोना रोधी वैक्सीन की 188 करोड़ डोज की जरूरत पड़ेगी।

पहली लहर की तुलना में लगभग तीन गुना हो गई ऑक्सीजन की मांग

सरकार ने बताया कि दूसरी लहर में अचानक ऑक्सीजन की मांग बहुत बढ़ गई। पहली लहर में जहां एक दिन में सर्वाधिक 3,095 टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी, उसकी तुलना में दूसरी लहर में यह 9,000 टन प्रतिदिन के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई। इसके बाद राज्यों के बीच इस जीवन रक्षक गैस के समान वितरण के लिए आगे आना पड़ा।

किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से किसी की मौत की रिपोर्ट नहीं दी

इस सवाल पर कि दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की ऑक्सीजन की कमी के चलते सड़कों और अस्पतालों में मौत हो गई, स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि स्वास्थ्य राज्य का मामला है। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नियमित रूप से कोरोना से होने वाली मौतों की जानकारी देते रहे हैं। किसी भी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से किसी की मौत की रिपोर्ट नहीं दी है।

देश में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए 188 करोड़ डोज की जरूरत

मंत्री ने बताया कि देश में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों की आबादी लगभग 94 करोड़ है। इसके लिए वैक्सीन की 188 करोड़ डोज की जरूरत पड़ेगी। एक अनुमान के मुताबिक इस साल जनवरी से दिसंबर के बीच देश में 187 करोड़ डोज उपलब्ध होंगी। इसके अलावा कुछ वैक्सीन के विकास पर काम चल रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही वो भी उपलब्ध होंगी।

मानव परीक्षण की अवस्था में चार वैक्सीन

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने सदन को बताया कि देश में कोरोना रोधी और चार वैक्सीन मानव परीक्षण की अवस्था में हैं। जबकि, एक वैक्सीन अभी प्री-क्लीनिकल परीक्षण की अवस्था में है। एक लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि कैडिला हेल्थकेयर की डीएनए आधारित वैक्सीन क्लीनिकल परीक्षण के तीसरे चरण में है। कंपनी ने वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति के लिए अंतरिम डाटा भी जमा कराया है। (इनपुट एजेंसी से )

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