लखनऊ। वेतन विसंगति का मसला हो, पदोन्नति में देरी की टीस हो या फिर दैनिक कामकाज से जुड़ी कोई और परेशानी, सबका समाधान होगा और देरी भी नहीं होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि हर सप्ताह एक दिन केवल कार्यालय के कर्मचारियों के नाम होगा। हर कार्यालय में उच्चाधिकारी सप्ताह में एक दिन एक घंटा कर्मचारियों की समस्याओं, शिकायतों का संज्ञान लें। उन्होंने इसके लिए तय दिन कार्यालय अवधि के आखिरी एक घंटे को आरक्षित करने को सुविधाजनक बताया है।
मंगलवार को लोकभवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में सीएम योगी ने कहा कि कर्मचारियों की तमाम ऐसी शिकायतें हैं, जो स्थानीय स्तर पर अधिकारी के थोड़ा संज्ञान लेने से निस्तारित हो सकती हैं। दैनिक कामकाज में अक्सर व्यस्तताओं के चलते इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता, जिससे प्रकरण लंबित रह जाता है। ऐसे में सप्ताह में किसी एक दिन एक घंटे का समय कर्मचारियों की समस्याओं को सुनने के लिए तय किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिकायतों का निस्तारण समयबद्घ ढंग से किया जाए।
मृतक आश्रित संबंधी मामले न रहें लंबित: मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार के अधीन किसी भी विभाग में कार्यरत किसी कार्मिक की मृत्यु यदि कोविड संक्रमण से हुई हो तो विभाग द्वारा संबंधित परिवार के प्रति पूरी संवेदनशीलता और सहानुभूतिपूर्वक यथोचित सहयोग किया जाए। अनुग्रह राशि का भुगतान हो या मृतक आश्रित सेवायोजन अथवा अन्य कोई प्रकरण, कोई फाइल लंबित न रहे।