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कोरोना काल में जेम पोर्टल से चार गुना बढ़ी सरकारी खरीद

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति रंग ला रही है। सीएम योगी ने सवा चार साल के कार्यकाल में सरकारी खरीद में होने वाले भ्रष्टाचार पर पूर्ण विराम लगा दिया है। प्रदेश में जेम पोर्टल के माध्यम से देश में सबसे ज्यादा खरीद सरकारी विभागों ने की है। पिछले सवा चार साल में करीब 20 गुना खरीद की गई है। जिस कारण देश में उत्तर प्रदेश पहले मुकाम पर है और अगर कोरोना काल की बात करें, तो सरकारी विभागों ने पिछले साल की तुलना में चार गुना अधिक खरीद की है।

  • सीएम योगी ने सरकारी खरीद में होने वाले भ्रष्टाचार पर लगाया ब्रेक, सवा चार साल में लगभग 20 गुना हुई खरीद
  • देश में जेम पोर्टल से सरकारी खरीदारी में नंबर वन यूपी, प्रदेश में जेम पोर्टल से ही सरकारी विभाग कर सकते हैं खरीदारी
  • गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, जम्मू एंड कश्मीर और पंजाब समेत अन्य राज्यों को पछाड़ा

सीएम योगी ने सत्ता संभालने के बाद जेम पोर्टल को प्रभावी रूप से क्रियाशील करने और विभागीय खरीदारी को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के निर्देश दिए थे। जेम पोर्टल से खरीदारी में उत्तर प्रदेश पहले पायदान पर सिरमौर है। दूसरे नंबर पर गुजरात, तीसरे पर मध्य प्रदेश, चौथे पर दिल्ली, पांचवें पर महाराष्ट्र, छठे पर बिहार, सातवें पर उड़ीसा, आठवें पर छत्तीसगढ़, नौवें पर जम्मू एंड कश्मीर और दसवें नंबर पर पंजाब है।

जेम पोर्टल के माध्यम से वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में 365 करोड़ रुपए की खरीद हुई थी। जबकि कोरोना काल में वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 561 करोड़ और वर्तमान वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 2075 करोड़ की खरीद हुई है। ऐसे में पिछले साल की तुलना में इस साल करीब चार गुना अधिक खरीद हुई है।

इन विभागों ने की ज्यादा खरीदारी

प्रदेश में जेम पोर्टल के माध्यम से नगर विकास विभाग ने सबसे ज्यादा खरीदारी की है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग, बेसिक शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, गृह विभाग, व्यवसायिक शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट, खाद्य एवं रसद विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग आदि प्रमुख रूप से हैं।

करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार पर लगी रोक: सहगल

इस बारे में एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल कहते हैं कि जेम पोर्टल के माध्यम से करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार पर रोक लगी है। साथ ही विभागीय खरीदारी में गुणवत्ता, पारदर्शिता, मितव्ययिता को तरजीह दी जा रही है, जिस कारण आज पोर्टल पर 12,589 सरकारी खरीदार हैं और एक लाख 81 हजार 487 विक्रेता हैं, इसमें 60,906 सूक्ष्म और लघु उद्यमी भी शामिल हैं। इन उद्योगों से सवा दो लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिला है। पिछले सवा चार सालों में सरकारी विभागों ने 11,885 करोड़ रुपए के 5,45,660 आर्डर दिए हैं।

दो बार केंद्र सरकार ने दिया अवार्ड विभिन्न विभागों ने प्रदेश में जेम पोर्टल से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 602 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1674 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2401 करोड़ रुपए की खरीदारी की, जो लगातार बढ़ते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 4675 करोड़ की खरीदारी की गई है। इस तरह वित्त वर्ष 2021-22 में 15 जुलाई तक 2483 करोड़ की खरीद की गई है। केंद्र सरकार ने प्रदेश को 2018 में बेस्ट बायर अवार्ड और 2019 में सुपर बायर अवार्ड से भी सम्मानित किया है।

ये है प्रमुख राज्यों की स्थिति

  • उत्तर प्रदेश 11425
  • गुजरात 4743
  • मध्य प्रदेश 3701
  • दिल्ली 3387
  • महाराष्ट्र 2961
  • बिहार 2252
  • उड़ीसा 1498
  • छत्तीसगढ़ 1496
  • जम्मू एंड कश्मीर 1375
  • पंजाब 1268
  • चंडीगढ़ 1151
  • आंध्र प्रदेश 1141
  • कर्नाटक 948
    (नोट- सभी आंकड़े करोड़ों में हैं और पिछले सवा चार सालों पर आधारित हैं)

क्या है जेम पोर्टल: जेम पोर्टल एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां पर 1,81,487 हजार से ज्यादा विक्रेता पंजीकृत हैं। इन विक्रेताओं के हजारों उत्पाद भी निर्धारित दर और मानक के अनुसार उपलब्ध हैं। राज्य सरकार का आदेश है कि जो उत्पाद या सेवाएं जेम पोर्टल पर उपलब्ध हैं, उनकी खरीदारी अनिवार्य रूप से जेम पोर्टल से ही की जाएगी।

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